वाशिंगटन:
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में एक के बाद एक अपने वरिष्ठ कमांडरों के मारे जाने के बाद अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन अपने आखिरी दिनों में संगठन का नाम बदलने पर विचार करने लगा था।
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान ब्रेन्नन ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन हमले में अपने कमांडरों के मारे जाने से ओसामा बिन लादेन परेशान था। उन्होंने कहा कि सीआईए के अभियान से अल कायदा को जोरदार झटका लगा था और वह उससे उबरने की स्थिति में नहीं था।
ब्रेन्नन ने कहा कि पाकिस्तान के ऐबटाबाद स्थित उसके आखिरी ठिकाने से मिले दस्तावेजों से ओसामा बिन लादेन की स्थिति का पता लगता है। वह दो मई 2011 को ऐबटाबाद में ही अमेरिकी अभियान में मारा गया था।
इन दस्तावेजों को इसी हफ्ते आनलाइन जारी किया जाएगा। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अल कायदा प्रमुख ने अपने लोगों से कहा था कि वे ऐसे स्थानों पर चले जाएं जहां ड्रोन और मिसाइलों से हमले नहीं हो सकें।
ब्रेन्नन ने कहा कि अल कायदा द्वारा मासूम लोगों की हत्या किए जाने से पूरी दुनिया में अल कायदा की छवि खराब हो गयी थी और ओसामा बिन लादेन इसके नाम को बदलने पर विचार करने लगा था।
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान ब्रेन्नन ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन हमले में अपने कमांडरों के मारे जाने से ओसामा बिन लादेन परेशान था। उन्होंने कहा कि सीआईए के अभियान से अल कायदा को जोरदार झटका लगा था और वह उससे उबरने की स्थिति में नहीं था।
ब्रेन्नन ने कहा कि पाकिस्तान के ऐबटाबाद स्थित उसके आखिरी ठिकाने से मिले दस्तावेजों से ओसामा बिन लादेन की स्थिति का पता लगता है। वह दो मई 2011 को ऐबटाबाद में ही अमेरिकी अभियान में मारा गया था।
इन दस्तावेजों को इसी हफ्ते आनलाइन जारी किया जाएगा। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अल कायदा प्रमुख ने अपने लोगों से कहा था कि वे ऐसे स्थानों पर चले जाएं जहां ड्रोन और मिसाइलों से हमले नहीं हो सकें।
ब्रेन्नन ने कहा कि अल कायदा द्वारा मासूम लोगों की हत्या किए जाने से पूरी दुनिया में अल कायदा की छवि खराब हो गयी थी और ओसामा बिन लादेन इसके नाम को बदलने पर विचार करने लगा था।
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