द्विराष्ट्र के सिद्धांत को बघारने वाले पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर नजर नहीं आ रहे हैं. (फाइल)
पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकियों और उनके आकाओं को पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दे दिया है. पहलगाम हमले में 26 निर्दोष भारतीयों की आतंकवादियों ने हत्या के बाद से पूरा देश उबल भी रहा था और शोक में भी था. हालांकि पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेता तब डींगें हांकने में व्यस्त थे, लेकिन पंद्रह दिन बाद 25 मिनट में 24 मिसाइल हमलों ने 9 आतंकी ठिकानों को मटियामेट कर दिया. इसके बाद से पाकिस्तान की घिग्घी बंध गई है. पाकिस्तान के आर्मी चीफ और आतंकवादियों के मुख्य संरक्षक आसिम मुनीर का 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से कोई अता पता ही नहीं है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना अपने आतंकी ठिकानों के मलबे बटोरने में लगी है. उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं और जुबां बहुत हद तक सच्चाई बयां कर रही है. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में आज नजारा बर्बादी वाला रहा. वहां पर सन्नाटा छाया था, वही सन्नाटा बुधवार को पूरे पाकिस्तान का भाग्य बना हुआ था.

शेखी बघारने वाले मुनीर की हालत खराब
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोग इधर उधर भाग रहे थे. लोग और बड़े हमले को लेकर बदहवाश थे, लेकिन जिन्ना की तरह द्विराष्ट्र के सिद्धांत को बघारने वाले आर्मी चीफ आसिम मुनीर कहीं नहीं दिखे. ना अपने जवानों के बीच, ना मारे गए आतंकियों के बीच. हां, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बुलाई बैठक में मुनीर पहुंचे भी तो चेहरा डर के मारे सफेद हुआ पड़ा था. मुनीर वही शख्स है, जो 16 अप्रैल को हिंदुस्तान के खिलाफ आतंकी जुबान बोल रहा था.
मुनीर ने कहा था कि कश्मीर पर हमारा रुख, सरकार का रुख पूरी तरह से स्पष्ट है. यह हमारे गले की नस थी, यह हमारे गले की नस है. हम इसे नहीं भूलेंगे और हम अपने कश्मीरी साथियों को उनके संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे.

पाकिस्तान को भारी पड़ता मुनीर का आतंक प्रेम
आसिम मुनीर का आतंक प्रेम पाकिस्तान पर भारी पड़ने लगा है. भारतीय सेना की स्ट्राइक ने जहां मुनीर की सेना का मनोबल तोड़ दिया, वहीं बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वां तक विद्रोह की आग और भड़कने लगी है. कहां तो मुनीर हिंदू मुसलमान करके अपनी कुर्सी बचाना चाहते थे और कहां अब पाकिस्तान को टुकड़े टुकड़े होने से बचाना मुश्किल होने लगा है.
पाकिस्तान की सेना का हाल ये है कि वो तेल साबून बेचती है. ईरान से आने वाले अवैध डीजल पेट्रोल बेचती है, वो केक पेस्ट्री बेचती है, प्रॉपर्टी डीलिंग करती है. बैंक चलाती है, मॉल चलाती है. यहां तक की आतंकियों का खर्चा भी पाकिस्तान की सेना ही उठाती है. बस अपने देश की हिफाजत नहीं कर पाती है क्योंकि भ्रष्टाचार और बेईमानी में सिर से पैर तक डूबी हुई है और ऐसे ही उनके सेना प्रमुख हैं, जो अपनी जान बचाते घूम रहे हैं.
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