लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला इस समय मंगोलिया की यात्रा पर गए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. इस क्रम में आज अध्यक्ष ने मंगोलिया के राष्ट्रपति महामहिम उख्हनागीन हुरेलसुख के साथ शिष्टाचार भेंट की. इस बात का उल्लेख करते हुए कि मंगोलिया के इतिहास में साहस, शौर्य और निर्भीकता की अद्भुत गाथाएं हैं, बिरला ने कहा कि मंगोलिया का इतिहास आज भी हमें प्रेरित करता है. उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म की हमारी साझी गौरवशाली विरासत से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं.
बिरला ने ये भी कहा कि भारत मंगोलिया के साथ अपनी रणनीतिक भागीदारी को और अधिक मजबूत और व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि वर्ष 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगोलिया की यात्रा पर आए थे जिससे दोनों देशों के संबंध प्रगाढ़ हुए.
अध्यक्ष ने इस बारे में प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत मंगोलिया के आर्थिक विकास में एक विश्वसनीय सहयोगी है. इस संबंध में उन्होंने कहा कि मंगोलिया की ऑयल रिफाइनरी परियोजना विदेशों में भारत द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी परियोजना है जो दोनों देश के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक है.
लोकसभा अध्यक्ष ने उख्हनागीन हुरेलसुख को बताया कि भारत की संसद का नया भवन भारत के प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया है. यह भवन पर्यावरण अनुकूल भवनों के मानकों के अनुरूप है और इस भवन में सभी उन्नत प्रौद्योगिकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि सांसद अपने सभी विधायी कार्य अधिक आसानी और कुशलता के साथ कर सकें.
इस बात का उल्लेख करते हुए कि दोनों देशों ने बहुपक्षीय मंचों पर हमेशा एक दूसरे का सहयोग किया है, बिरला ने कहा कि जहां भारत ने संयुक्त राष्ट्र और गुट निरपेक्ष आंदोलन में मंगोलिया की सदस्यता का समर्थन किया था. वहीं मंगोलिया ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत की उम्मीदवारी का लगातार समर्थन किया है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2028-29 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का मंगोलिया निश्चय ही समर्थन करेगा.
दौरे के दौरान लोक सभा अध्यक्ष ने मंगोलिया के प्रधानमंत्री ओयुन ऐर्दन लुव-सन्म-सरेन के साथ भी शिष्टाचार भेंट की. इस अवसर पर बिरला ने विचार व्यक्त किया कि भले ही भारत और मंगोलिया के बीच भौतिक दूरी है, परंतु आध्यात्मिक धरातल पर दोनों देश वसुधैव कुटुंबकम की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म की हमारी साझी गौरवशाली विरासत हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करती है.
बिरला ने कहा कि भारत की संसद मंगोलिया की संसदीय संस्थाओं के विकास, शोध ग्रंथालय के उन्नयन और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग करने के लिये तत्पर है. उन्होंने इस संबंध में भारतीय संसद की प्रशिक्षण संस्था, प्राइड द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का उपयोग किए जाने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने इस बात पर ख़ुशी व्यक्त की कि मंगोलिया में भारत-मंगोलिया फ्रेंडशिप स्कूल और आईटी क्षेत्र से संबंधित अटल बिहारी वाजपेयी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सहित कई अन्य परियोजनाएं चलाई जा रही हैं.
बता दें कि इससे पहले मंगोलिया की संसद स्टेट ग्रेट खुराल के स्पीकर, महामहिम जी. जंडनशतर के साथ हुई बैठक के दौरान मंगोलिया के राष्ट्रीय नादम उत्सव पर उन्हें , मंगोलिया की संसद तथा वहां की मित्रवत जनता को भारत की संसद, सरकार और 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के आदान प्रदान की एक लंबी एवं स्वस्थ परंपरा रही है.
बिरला ने मंगोलिया की ग्रेट ह्यूरल (संसद) का दौरा किया और सदन की कार्यवाही देखी. उन्होंने लोकतंत्र को जीवंत बनाने और लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए मंगोलिया की संसद की प्रतिबद्धता की सराहना की. ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत लोकतन्त्र को बढ़ावा देने के लिए अपना समर्थन देने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है.
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