वाशिंगटन:
अमेरिका और अफ्रीका के संबंधों के विकास पर जोर देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफ्रीकी नेताओं की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते दानदाता और ग्रहणकर्ता से ज्यादा होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महाद्वीप में स्थिरता कायम करना आवश्यक है, क्योंकि तभी इसकी संभावनाओं और क्षमताओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ओबामा ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में चार अफ्रीकी देशों- केप वर्डे के प्रधानमंत्री जोस मारिया पेरेरा नेवेस, मलावी के राष्ट्रपति जॉएस बांदा, सियरा लियॉन के राष्ट्रपति अर्नेस्ट बाई कोरोमा और सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सॉल के साथ बैठक के दौरान यह बातें कहीं।
बैठक के बाद ओबामा ने संवाददाताओं से कहा, मैं इन नेताओं को मुख्य रूप से यह संदेश देना चाहता था कि अमेरिका उनका सबसे मजबूत सहयोगी बनेगा और यह पुराने मॉडल के अनुसार नहीं होगा ,जिसमें हम दाता थे और वे एक सामान्य ग्रहणकर्ता बल्कि हमारा यह संबंध नए मॉडल पर आधारित होगा जो कि समान भागीदारी पर आधारित होगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य महाद्वीप में उतनी संभावनाएं नहीं हैं, जितनी अफ्रीका में हैं। ओबामा ने अफ्रीका के देशों में स्थिरता लाने की जरूरत बताते हुए कहा कि तभी अमेरिका समन्वित विकास के लिए अधिक भागीदारी का मॉडल अपना सकेगा।
ओबामा ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में चार अफ्रीकी देशों- केप वर्डे के प्रधानमंत्री जोस मारिया पेरेरा नेवेस, मलावी के राष्ट्रपति जॉएस बांदा, सियरा लियॉन के राष्ट्रपति अर्नेस्ट बाई कोरोमा और सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सॉल के साथ बैठक के दौरान यह बातें कहीं।
बैठक के बाद ओबामा ने संवाददाताओं से कहा, मैं इन नेताओं को मुख्य रूप से यह संदेश देना चाहता था कि अमेरिका उनका सबसे मजबूत सहयोगी बनेगा और यह पुराने मॉडल के अनुसार नहीं होगा ,जिसमें हम दाता थे और वे एक सामान्य ग्रहणकर्ता बल्कि हमारा यह संबंध नए मॉडल पर आधारित होगा जो कि समान भागीदारी पर आधारित होगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य महाद्वीप में उतनी संभावनाएं नहीं हैं, जितनी अफ्रीका में हैं। ओबामा ने अफ्रीका के देशों में स्थिरता लाने की जरूरत बताते हुए कहा कि तभी अमेरिका समन्वित विकास के लिए अधिक भागीदारी का मॉडल अपना सकेगा।
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