वाशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पिछले वर्ष नवंबर में संपन्न भारत यात्रा को किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की अब तक की सर्वाधिक सफल दक्षिण एशिया यात्रा बताते हुए अमेरिकी प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि इससे कई मील के पत्थर स्थापित हुए हैं। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री राबर्ट ब्लेक ने सिराकस यूनिवर्सिटी में दिए अपने भाषण में कहा, राष्ट्रपति की नवंबर की भारत यात्रा किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की अब तक की सर्वाधिक सफल यात्रा रही। उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने कई मील के पत्थर स्थापित किए जिनसे पता चलता है कि वैश्विक शांति, सुरक्षा तथा विकास की दिशा में अमेरिका और भारत साथ मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही इसने यह भी दर्शाया कि क्यों ओबामा भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को 21वीं सदी के लिए घनिष्ठ भागीदारी करार दे रहे हैं। ब्लेक ने कहा कि इस यात्रा के दौरान सबसे बड़ी घटना राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा संयुक्त राष्ट्र में सुधार और उसमें भारत को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने की पुष्टि था। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और उसमें भी भारत को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने का ओबामा द्वारा समर्थन किया जाना हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि यह एक ऐसा देश है जिसके साथ हम वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने के लिए बेहद घनिष्ठता के साथ काम करेंगे। अमेरिका चार बहुउद्देश्यीय निर्यात नियंत्रण समूहों में भारत की पूर्ण सदस्यता का समर्थन करने को तैयार है। यह हैं परमाणु आपूर्ति समूह, प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण संधि समूह, आस्ट्रेलिया समूह और वासेनार समझौता। इसके साथ ही अमेरिका भारत की अंतरिक्ष और रक्षा कंपनियों को वाणिज्य विभाग की प्रतिबंधित कंपनियों की सूची से निकालने को तैयार है क्योंकि भारत ने वैश्विक मानकों के अनुरूप निर्यात नियंत्रण का पालन किया है। ब्लेक ने बताया कि अपने इस वादे को पूरा करने के लिए वाणिज्य विभाग ने कल एक सूचना जारी की। इससे दोनों देशों की सरकारों और कंपनियों के बीच रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा, हमने असैनिक परमाणु करार पर भी सरकारी मोहर लगा दी है, जिससे अमेरिकी कंपनियां भारत के उभरते उर्जा बाजार के लिए अरबों डालर के असैनिक परमाणु रिएक्टरों की आपूर्ति कर सकेंगी।