उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन (फाइल फोटो)
सोल:
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने देश के पहले हाइड्रोजन बम परीक्षण को सही ठहराते हुए इसे आत्मरक्षा का एक कदम बताया है, जो कि अमेरिका के साथ परमाणु युद्ध को रोकने के लिए है। बीते दिनों किए गए विस्फोट के बाद किम की ओर से पहली बार टिप्पणी की गई है।
प्योंगयांग ने बुधवार को अपना चौथा परमाणु परीक्षण किया था, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय में रोष पैदा हो गया और पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया के साथ इसका तनाव बढ़ गया।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने किम जोंग उन के हवाले से कहा कि यह परीक्षण ‘कोरियाई प्राय:द्वीप में शांति की विश्वसनीय ढंग से रक्षा के लिए और अमेरिकी नेतृत्व वाले साम्राज्यवादियों द्वारा छेड़े जा सकने वाले परमाणु युद्ध के खतरे से क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आत्मरक्षा का कदम है।’ किम ने कहा, ‘किसी संप्रभु देश के लिए यह उपयुक्त समय है और यह एक ऐसा न्यायसंगत कदम है, जिसकी कोई आलोचना नहीं कर सकता।’ उत्तर कोरिया लगातार अमेरिका और उसके सहयोगी दक्षिण कोरिया पर युद्ध की वकालत करने का आरोप लगाता रहा है।
केसीएनए ने कहा कि किम की ये टिप्पणियां दरअसल उनके ‘मिनिस्ट्री ऑफ पीपल्स आर्म्ड फोर्सेज’ के दौरे के दौरान आई हैं। किम वहां ‘सफल’ विस्फोट पर उन्हें मुबारकबाद देने गए थे। एजेंसी ने किम के दौरे की तारीख नहीं उजागर की।
इन टिप्पणियों में शुक्रवार को प्रकाशित आधिकारिक टिप्पणी को दोहराया गया। उसमें सत्ता से हटाए गए इराक के सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी का उदाहरण देते हुए कहा गया था कि जब देश अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छोड़ देते हैं तो ऐसा होता है। इस परीक्षण से विश्व के प्रमुख शक्तिशाली कई देश नाराज हो गए हैं, जिनमें उत्तर कोरिया का प्रमुख सहयोगी चीन भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा है कि वह इस विद्रोही देश को दंडित करने के लिए नए उपाय लेकर आएगी। इस परीक्षण के जवाब में दक्षिण कोरिया ने सीमापार जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया है। उत्तर कोरिया का कहना है कि दक्षिण कोरिया इस विभाजित प्रायद्वीप को ‘युद्ध के कगार’ पर ले जा रहा है।
उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि उसने एक छोटे आकार के हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल किया जो कि अन्य परमाणु उपकरणों से कहीं अधिक ताकतवर है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंपीय गतिविधि से ऐसा प्रतीत होता है कि यह ज्यादा शक्तिशाली नहीं था।
यह परीक्षण किम के 33वें जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले किया गया। इसके अलावा मई में सत्ताधारी पार्टी की कांग्रेस का भी आयोजन होना है और यह आयोजन 35 साल में पहली बार किया जा रहा है।
इस कांग्रेस के दौरान उत्तर कोरिया ने अहम नीतियां तय करनी हैं। किम का कहना है कि यह कांग्रेस ‘आत्म स्वतंत्रता के क्रांतिकारी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ होगी।’ सेना को मजबूत करने को प्राथमिकता बताते हुए किम ने कहा, ‘पीपल्स आर्मी की राजनीतिक और सैन्य ताकत को हर तरीके से मजबूत करके, आइए, वर्कर्स ऑफ पार्टी ऑफ कोरिया की सातवीं कांग्रेस की हिफाजत करें।’ सरकारी कोरियन सेंट्रल टीवी ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कथित पनडुब्बी द्वारा प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) परीक्षण की फुटेज थी।
लेकिन दक्षिण कोरिया का कहना था कि यह फुटेज पिछले माह जापान सागर में अंजाम दिए गए उत्तर कोरिया के तीसरे एसएलबीएम परीक्षण और वर्ष 2014 के एक अन्य बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण का संपादित रूप थी।
प्योंगयांग ने बुधवार को अपना चौथा परमाणु परीक्षण किया था, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय में रोष पैदा हो गया और पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया के साथ इसका तनाव बढ़ गया।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने किम जोंग उन के हवाले से कहा कि यह परीक्षण ‘कोरियाई प्राय:द्वीप में शांति की विश्वसनीय ढंग से रक्षा के लिए और अमेरिकी नेतृत्व वाले साम्राज्यवादियों द्वारा छेड़े जा सकने वाले परमाणु युद्ध के खतरे से क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आत्मरक्षा का कदम है।’ किम ने कहा, ‘किसी संप्रभु देश के लिए यह उपयुक्त समय है और यह एक ऐसा न्यायसंगत कदम है, जिसकी कोई आलोचना नहीं कर सकता।’ उत्तर कोरिया लगातार अमेरिका और उसके सहयोगी दक्षिण कोरिया पर युद्ध की वकालत करने का आरोप लगाता रहा है।
केसीएनए ने कहा कि किम की ये टिप्पणियां दरअसल उनके ‘मिनिस्ट्री ऑफ पीपल्स आर्म्ड फोर्सेज’ के दौरे के दौरान आई हैं। किम वहां ‘सफल’ विस्फोट पर उन्हें मुबारकबाद देने गए थे। एजेंसी ने किम के दौरे की तारीख नहीं उजागर की।
इन टिप्पणियों में शुक्रवार को प्रकाशित आधिकारिक टिप्पणी को दोहराया गया। उसमें सत्ता से हटाए गए इराक के सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी का उदाहरण देते हुए कहा गया था कि जब देश अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छोड़ देते हैं तो ऐसा होता है। इस परीक्षण से विश्व के प्रमुख शक्तिशाली कई देश नाराज हो गए हैं, जिनमें उत्तर कोरिया का प्रमुख सहयोगी चीन भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा है कि वह इस विद्रोही देश को दंडित करने के लिए नए उपाय लेकर आएगी। इस परीक्षण के जवाब में दक्षिण कोरिया ने सीमापार जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया है। उत्तर कोरिया का कहना है कि दक्षिण कोरिया इस विभाजित प्रायद्वीप को ‘युद्ध के कगार’ पर ले जा रहा है।
उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि उसने एक छोटे आकार के हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल किया जो कि अन्य परमाणु उपकरणों से कहीं अधिक ताकतवर है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंपीय गतिविधि से ऐसा प्रतीत होता है कि यह ज्यादा शक्तिशाली नहीं था।
यह परीक्षण किम के 33वें जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले किया गया। इसके अलावा मई में सत्ताधारी पार्टी की कांग्रेस का भी आयोजन होना है और यह आयोजन 35 साल में पहली बार किया जा रहा है।
इस कांग्रेस के दौरान उत्तर कोरिया ने अहम नीतियां तय करनी हैं। किम का कहना है कि यह कांग्रेस ‘आत्म स्वतंत्रता के क्रांतिकारी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ होगी।’ सेना को मजबूत करने को प्राथमिकता बताते हुए किम ने कहा, ‘पीपल्स आर्मी की राजनीतिक और सैन्य ताकत को हर तरीके से मजबूत करके, आइए, वर्कर्स ऑफ पार्टी ऑफ कोरिया की सातवीं कांग्रेस की हिफाजत करें।’ सरकारी कोरियन सेंट्रल टीवी ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कथित पनडुब्बी द्वारा प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) परीक्षण की फुटेज थी।
लेकिन दक्षिण कोरिया का कहना था कि यह फुटेज पिछले माह जापान सागर में अंजाम दिए गए उत्तर कोरिया के तीसरे एसएलबीएम परीक्षण और वर्ष 2014 के एक अन्य बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण का संपादित रूप थी।
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