हालांकि उत्तर कोरिया ने पहले घोषणा की थी कि परीक्षण 8 फरवरी से 25 फरवरी के बीच होगा (एएफपी फोटो)
सोल:
उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद रविवार को अपने लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण कर दिया। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चेतावनी के बावजूद यह प्रक्षेपण किया है। वहीं, इस प्रक्षेपण की अमेरिका और जापान ने कड़े शब्दों में निंदा की है। अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण को ‘‘अस्थिरताकारक और उकसाने वाला’’ करार दिया है, वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस प्रक्षेपण की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है।
संयुक्त राष्ट्र करेगा आपात बैठक...
उधर, संयुक्त राष्ट्र से जुड़े राजनयिकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट प्रक्षेपण के मुद्दे पर न्यूयॉर्क में आपात बैठक करेगी। बंद कमरे में होने वाली इन वार्ताओं के लिए अनुरोध दक्षिण कोरिया और परिषद के सदस्यों जापान एवं अमेरिका की ओर से किया गया है।
जापान और अमेरिका ने इस प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया है। तोक्यो और वॉशिंगटन ने परिषद की अध्यक्षता कर रहे वेनेजुएला मिशन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का उल्लंघन करके उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस कथित ‘‘उपग्रह’’ प्रक्षेपण के मुद्दे पर चर्चा का आह्वान किया है। सुरक्षा परिषद के उक्त प्रस्ताव प्योंगयांग को किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु गतिविधि से रोकते हैं।
सुबह 9 बजे के आसपास किया गया प्रक्षेपण...
दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उपग्रह धारक रॉकेट ने प्योंगयांग समय सुबह 9 बजे के आसपास (0030 GMT) पर उड़ान भरी। इससे पहले ही खबर थी कि परीक्षण महज कुछ ही घंटों में हो सकता है। प्योंगयांग ने इसके परीक्षण के समय को पहले कर दिया था। प्योंगयांग ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को रविवार को एक संशोधित सूचना भेजी थी, जिसकी एक प्रति दक्षिण कोरिया सरकार ने जारी की थी। इसमें बताया गया था कि परीक्षण अब सात से 14 फरवरी के बीच होगा।
अमेरिका और जापान ने की निंदा...
वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकाहार सुसैन राइस ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रम हमारे करीबी सहयोगियों की सुरक्षा सहित हमारे हितों पर गंभीर खतरा पैदा करते हैं और व्यापक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं।’’ टोक्यो से मिली खबर के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रक्षेपण ‘‘बेहद असहनीय’’ है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार विरोध के बावजूद किए गए इस प्रक्षेपण को आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन’’ करार दिया है।
उत्तर कोरिया ने पहले कहा था, 8 से 25 फरवरी के बीच करेगा प्रक्षेपण...
हालांकि, उत्तर कोरिया ने शुरूआत में इस बात की घोषणा की थी कि परीक्षण आठ फरवरी से 25 फरवरी के बीच होगा। इस योजना की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निंदा करते हुए इसे एक छिपा हुआ बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण बताया, जो पिछले महीने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का एक और गंभीर उल्लंघन होगा। भेजे गए अद्यतन नोटिस में तारीख में बदलाव का कोई कारण नहीं दिया गया।
दक्षिण कोरिया समाचार एजेंसी योनहाप ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया था कि दक्षिण कोरिया सरकार का मानना है कि उत्तर कोरिया ने रॉकेट में ईंधन भरने जैसी परीक्षण की तैयारी पूरी कर ली हैं।
इसने मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि दक्षिण कोरिया की सेना अलर्ट पर है और यह जवाब देने को तैयार है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के जरिए किसी भी प्रक्षेपण से रोकता है। (इनपुट भाषा से भी)
संयुक्त राष्ट्र करेगा आपात बैठक...
उधर, संयुक्त राष्ट्र से जुड़े राजनयिकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट प्रक्षेपण के मुद्दे पर न्यूयॉर्क में आपात बैठक करेगी। बंद कमरे में होने वाली इन वार्ताओं के लिए अनुरोध दक्षिण कोरिया और परिषद के सदस्यों जापान एवं अमेरिका की ओर से किया गया है।
जापान और अमेरिका ने इस प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया है। तोक्यो और वॉशिंगटन ने परिषद की अध्यक्षता कर रहे वेनेजुएला मिशन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का उल्लंघन करके उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस कथित ‘‘उपग्रह’’ प्रक्षेपण के मुद्दे पर चर्चा का आह्वान किया है। सुरक्षा परिषद के उक्त प्रस्ताव प्योंगयांग को किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु गतिविधि से रोकते हैं।
सुबह 9 बजे के आसपास किया गया प्रक्षेपण...
दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उपग्रह धारक रॉकेट ने प्योंगयांग समय सुबह 9 बजे के आसपास (0030 GMT) पर उड़ान भरी। इससे पहले ही खबर थी कि परीक्षण महज कुछ ही घंटों में हो सकता है। प्योंगयांग ने इसके परीक्षण के समय को पहले कर दिया था। प्योंगयांग ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को रविवार को एक संशोधित सूचना भेजी थी, जिसकी एक प्रति दक्षिण कोरिया सरकार ने जारी की थी। इसमें बताया गया था कि परीक्षण अब सात से 14 फरवरी के बीच होगा।
अमेरिका और जापान ने की निंदा...
वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकाहार सुसैन राइस ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रम हमारे करीबी सहयोगियों की सुरक्षा सहित हमारे हितों पर गंभीर खतरा पैदा करते हैं और व्यापक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं।’’ टोक्यो से मिली खबर के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रक्षेपण ‘‘बेहद असहनीय’’ है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार विरोध के बावजूद किए गए इस प्रक्षेपण को आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन’’ करार दिया है।
उत्तर कोरिया ने पहले कहा था, 8 से 25 फरवरी के बीच करेगा प्रक्षेपण...
हालांकि, उत्तर कोरिया ने शुरूआत में इस बात की घोषणा की थी कि परीक्षण आठ फरवरी से 25 फरवरी के बीच होगा। इस योजना की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निंदा करते हुए इसे एक छिपा हुआ बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण बताया, जो पिछले महीने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का एक और गंभीर उल्लंघन होगा। भेजे गए अद्यतन नोटिस में तारीख में बदलाव का कोई कारण नहीं दिया गया।
दक्षिण कोरिया समाचार एजेंसी योनहाप ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया था कि दक्षिण कोरिया सरकार का मानना है कि उत्तर कोरिया ने रॉकेट में ईंधन भरने जैसी परीक्षण की तैयारी पूरी कर ली हैं।
इसने मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि दक्षिण कोरिया की सेना अलर्ट पर है और यह जवाब देने को तैयार है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के जरिए किसी भी प्रक्षेपण से रोकता है। (इनपुट भाषा से भी)
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