जापान के इसामू अकासाकी एवं हिरोशी अमानो और अमेरिका के वैज्ञानिक शुजी नाकामुरा को नीले प्रकाश उत्सर्जित करने वाले डायोड के आविष्कार के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। ये डायोड एक नए ऊर्जा सक्षम एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रकाश स्त्रोत हैं।
रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि आविष्कार केवल 20 साल पुराना है लेकिन यह पहले ही हम सबके फायदे के लिए पूरी तरह नए तरीके से सफेद प्रकाश के निर्माण में योगदान दे चुका है। 85-वर्षीय अकासाकी मेईजो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और नगोया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं। 54-वर्षीय अमानो भी नागोया यूनिवसिर्टी में प्रोफेसर हैं, जबकि 60-वर्षीय नाकामुरा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोनिया, सैंटा बारबरा में प्रोफेसर हैं।
नोबेल समिति ने कहा कि तीनों वैज्ञानिकों ने 1990 के दशक में सेमीकंडक्टर से तेज नीला प्रकाश पैदा कर प्रकाश तकनीक का रूपांतरण कर दिया। इस दिशा में दूसरे वैज्ञानिकों ने दशकों तक संघर्ष किया था। नीले प्रकाश का इस्तेमाल कर सफेद प्रकाश का उत्सर्जन करने वाले एलईडी लैम्प का नए तरीके से निर्माण किया जा सकता है।
समिति ने कहा, चूंकि दुनिया भर की बिजली खपत के करीब एक-चौथाई हिस्से का इस्तेमाल प्रकाश संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जाता है, एलईडी पृथ्वी के संसाधन बचाने में योगदान देते हैं। नाकामुरा ने स्टॉकहोम स्थित संवाददाताओं से टेलीफोन पर बात करते हुए कहा कि उन्हें यह अद्भुत एवं अविश्वसनीय लग रहा है।
अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन ओ’कीफ और नार्वे के वैज्ञानिक दंपति मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर को कल मस्तिष्क कोशिका से जुड़े शोध में महत्वपूर्ण खोज के लिए चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गयी थी। उनके खोज से अल्जाइमर जैसी बीमारियों की बेहतर समझ में आसानी हो सकती है।
रसायनशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा बुधवार को की जाएगी, जिसके बाद गुरुवार को नोबेल साहित्य और शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा अगले सोमवार को की जाएगी, जिसके साथ इन पुरस्कारों की घोषणा का काम पूरा हो जाएगा।
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