- भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की चौथी वार्ता 7 नवंबर तक ऑकलैंड में चलेगी
 - वार्ता का मुख्य फोकस वस्तु और सेवा व्यापार, उत्पत्ति के नियमों पर संतुलित सहमति बनाने पर है
 - भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत दिल्ली में 4 दिन तक जारी रहेगी
 
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर चौथे दौर की वार्ता निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. इसी क्रम में भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मंगलवार को न्यूज़ीलैंड की राजधानी ऑकलैंड पहुंच रहे हैं, जहां 7 नवंबर तक यह वार्ता चलेगी. वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों में यह समझौता संतुलित, व्यापक और परस्पर लाभकारी साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह वार्ता मार्च 2025 में न्यूज़ीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन की भारत यात्रा और पीएम मोदी के मार्गदर्शन पर आधारित है.
ये रहेंगे बातचीत के अहम मुद्दे
16 मार्च को पीयूष गोयल और न्यूज़ीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच हुई बैठक में FTA वार्ता की शुरुआत हुई थी. चौथे दौर की बातचीत मुख्य रूप से वस्तु और सेवा व्यापार (Trade in Goods and Services) और उत्पत्ति के नियमों (Rules of Origin) जैसे अहम मुद्दों पर केंद्रित है. दोनों देशों के वार्ताकार पिछली बैठकों में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने और लंबित मुद्दों पर सहमति बनाने की दिशा में सकारात्मक बातचीत कर रहे हैं.
भारत-EU FTA पर भी तेज़ी से बातचीत
भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत तेज़ हो गई है. EU के वार्ताकारों की एक टीम सोमवार को दिल्ली पहुंची, जहां चार दिन तक चलने वाली वार्ता में दोनों पक्ष लंबित मुद्दों को सुलझाने की कवायद करेंगे. यह बातचीत भी वस्तुओं का व्यापार, सेवाओं का व्यापार, और उत्पत्ति के नियमों जैसे विषयों पर फोकस रहेगी. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह वार्ता एक आधुनिक और सुदृढ़ FTA के साझा दृष्टिकोण पर आधारित होगी, जो भारत और EU दोनों की प्राथमिकताओं और संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखेगा.
दोनों देशों के आर्थिक संबंध होंगे मजबूत
5-6 नवंबर को यूरोपीय आयोग की व्यापार महानिदेशक सबाइन वेयंड भारत के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के साथ उच्च स्तरीय तकनीकी और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करेंगी. भारत-न्यूज़ीलैंड और भारत-EU दोनों ही व्यापार समझौतों को लेकर सरकार आशान्वित है कि साल के अंत तक इन पर सहमति बन सकती है. इन समझौतों से भारत को वैश्विक व्यापार में नई संभावनाएं मिलेंगी और दोनों साझेदार देशों के साथ आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे.
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