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'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठा न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वायर, सैकड़ों लोगों ने अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' का मनाया जश्न

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक साध्वी भगवती सरस्वती, जो लगभग 30 वर्षों से परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में रह रही हैं ने टाइम्स स्क्वायर पर हुए कार्यक्रम का नेतृत्व किया. 

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'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठा न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वायर, सैकड़ों लोगों ने अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' का मनाया जश्न
नई दिल्ली:

अमेरिका (America) में सैकड़ों की संख्या में मंदिरों और सामुदायिक संस्थाओं ने सोमवार को अयोध्या में 'राम लला' की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर सहित विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए. अमेरिका की विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को यहां पूरे देश में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए. वहीं समुदाय के कई सदस्य इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर पर इकट्ठा हुए.

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक साध्वी भगवती सरस्वती, जो लगभग 30 वर्षों से परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में रह रही हैं ने टाइम्स स्क्वायर पर हुए कार्यक्रम का नेतृत्व किया. 

लोगों के बीच बांटे गए लड्डू

लोगों ने आने-जाने वाले लोगों को लड्डू बांटे. साथ ही टाइम्स स्क्वायर की स्क्रीन पर अयोध्या के राम मंदिर की तस्वीरें और दृश्य भी प्रदर्शित किये गये. वाशिंगटन में वर्जीनिया के फेयरफैक्स काउंटी में स्थित एसवी लोटस टेम्पल में सिख, मुस्लिम और पाकिस्तानी अमेरिकी समुदाय के लोग भी इस समारोह में शामिल हुए. उनका कहना है कि यह पूरे समुदाय के लिए खुशी मनाने का क्षण है और यह एक सपने के सच होने जैसा है.

 'सिख ऑफ अमेरिका' ने भी दिया बधाई

'सिख ऑफ अमेरिका' संगठन के सदस्य जस्सी सिंह ने कहा, ''यह एक बहुत ही खुशी का मौका है.'' सिंह ने कहा, ''सिख समुदाय और 'सिख ऑफ अमेरिका' की ओर से मैं भारत में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के इस खुशी के अवसर पर अपने हिंदू भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं देता हूं. हम सभी समुदाय सिख, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई यहां इस खुशी के मौके पर जश्न मना रहे हैं.''

'मुस्लिम ऑफ अमेरिका' संगठन के सदस्यों ने भी लिया कार्यक्रम में हिस्सा

'मुस्लिम ऑफ अमेरिका' संगठन के सदस्य और पाकिस्तानी अमेरिकी साजिद तरार भी वर्जीनिया के एसवी लोटस टेम्पल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा, ''मैं यहां शांति और सद्भाव का संदेश लेकर आया हूं. हम वर्षों से उपमहाद्वीप में एक साथ रह रहे हैं लेकिन आज हमारे बीच बहुत सारे मतभेद पैदा हो गये हैं. मुझे लगता है कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है.'' उन्होंने मंदिर के उद्घाटन के लिए हिंदू समुदाय को बधाई दी.

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