एक नाटकीय घटनाक्रम में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Nepal PM KP Sharma Oli) ने आज (रविवार, 20 दिसंबर) सुबह 10 बजे कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई और कठोर कदम उठाते हुए थोड़ी ही देर बाद राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफ़ारिश कर दी. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने मंत्रिपरिषद की सिफारिश को मंजूर करते हुए संसद भंग कर दी है. अब नेपाल में नई संसद के लिए मध्यावधि चुनाव होंगे. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने मघ्यावधि चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है. अब 30 अप्रैल को पहले चरण और 10 मई को दूसरे चरण के लिए मतदान होंगे.
FLASH: President Bidya Devi Bhandari dissolves the House of Representatives upon the recommendation of the Council of Ministers.
— myRepública (@RepublicaNepal) December 20, 2020
पीएम ने जब ये आपात बैठक बुलाई थी तो काठमांडू के सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी कि हाल ही में लाया गया अध्यादेश वापस करने पर ओली सरकार फैसला करेगी लेकिन जब संसद भंग करने की खबरें आईं तो सभी चौंक गए.
ओली केबिनेट में ऊर्जा मंत्री रहे बरशमन पुन ने कहा, "आज की कैबिनेट बैठक ने संसद को भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजने का फैसला किया गया." सत्ता पक्ष के ही कई सदस्यों ने पीएम के इस कदम की आलोचना की है. पीएम ने यह कदम तब उठाया, जब संसदीय समिति में उन्होंने बहुमत खो दिया.
पीएम ओली पर संवैधानिक परिषद अधिनियम (Constitutional Council Act) से संबंधित एक अध्यादेश को वापस लेने का जबर्दस्त राजनीतिक दबाव था जिसे उनकी सरकार ने मंगलवार को जारी किया था और उसी दिन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उस पर हस्ताक्षर किए थे.
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शनिवार को पीएम ओली ने सहयोगी दल के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल के साथ सुबह में और दोपहर में सचिवालय के सदस्य राम बहादुर थापा और शाम को राष्ट्रपति भंडारी के साथ कई बैठकें की थीं. सूत्रों ने बताया कि 16 दिसंबर को प्रचंड और ओली के बीच आम सहमति बन गई थी लेकिन आज अचानक ये फैसले ले लिया गया.
नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा नीत सरकार पर आरोप लगाया था कि वह राजशाही की मौन हिमायत कर रहे हैं. हाल में देश के कई हिस्सों में राजशाही के समर्थन में रैलियां की गई थी जिनमें मांग की गई थी कि संवैधानिक राजशाही को बहाल किया जाए और नेपाल को फिर से एक हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए.नेपाल 2008 में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना था. इससे पहले 2006 में जन आंदोलन हुआ था और राजशाही को खत्म कर दिया गया था.
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