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नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस को मिला Gen Z का समर्थन, सेना के साथ करेंगी सरकार गठन पर बात

नेपाल के युवा चाहते हैं कि सुशीला कार्की देश की अंतरिम सरकार की प्रमुख बनें. उनके नाम पर सहमति जातई गई है. अब वह सेना के साथ बातचीत करेंगी.

नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस को मिला Gen Z का समर्थन, सेना के साथ करेंगी सरकार गठन पर बात
सुशीला कार्की करेंगी नेपाल की सेना संग बातचीत.
  • नेपाल में युवाओं के समर्थन से सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की प्रमुख बनने का प्रस्ताव मिला है.
  • Gen Z प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की को सेना के साथ बातचीत का नेतृत्व करने के लिए चुना है.
  • सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायधीश रह चुकी हैं. वह भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं.
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काठमांडू:

नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम सरकार गठन की तैयारी की जा रही है. नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की (Sushila Karki) देश की अंतरिम सरकार की प्रमुख बन सकती हैं. उनको  Gen Z का समर्थन हासिल है. Gen Z  प्रदर्शनकारियों ने उनको सेना के साथ बातचीत का नेतृत्व करने के लिए चुना है. वह प्रदर्शनकारियों की तरफ से सरकार गठन पर सेना के साथ बातचीत करेंगी.

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सुशीला कार्की हो सकती हैं नेपाल की अंतरिम हेड

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार शाम को छह घंटे की मैराथन बैठक के बाद यह फैसला लिया. इस वर्चुअल मीटिंग में सुशीला कार्की को अंतरिम हेड के रूप में चुना गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुशीला कार्की ने भी अंतरिम PM की जिम्मेदारी संभालने के लिए सहमति दे दी है.

सुशीला कार्की नेपाली सेना संग करेंगी बात

Gen Z प्रदर्शनकारियों की कई मागें हैं, जिनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सामूहिक हत्याओं के आदेश देने वाले सभी लोगों की तुरंत गिरफ्तारी और कार्रवाई के लिए एक नया संविधान तैयार करना शामिल है.  वह ऐसे संविधान की मांग कर रहे हैं, जिसमें एक शख्स को दो कार्यकाल से ज़्यादा प्रधानमंत्री बनने से रोकने का प्रावधान हो. इसके साथ ही सीआईएए और न्यायपालिका जैसी संवैधानिक संस्थाओं में राजनीतिक रूप से प्रभावित नियुक्तियों को तत्काल रद्द करना और योग्यता के आधार पर नियुक्तियां भी उनकी मांगों में शामिल हैं. नेपाल के युवा चाहते हैं कि सुशीला कार्की सेना के साथ वार्ता का नेतृत्व करें. 

 कौन हैं सुशीला कार्की?

  • सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायधीश हैं. 
  • उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया है. 
  • उन्होंने 1979 में वकालत में अपनी करियर शुरू किया था. 
  •  वह 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश रहीं थीं.
  • सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ट्रांजिशनल जस्टिस और चुनावी विवादों से जुड़े मामलों की अध्यक्षता की. 
  • सुशीला ने लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर न्यायपालिका की भूमिका को मजबूत किया. 
  • साल 2017 में सुशीला के खिलाफ महाभियोग लाया गया था. तब सुशीला कार्की पर कार्यपालिका में हस्तक्षेप आरोप लगा था. जिसके बाद उन्हें सस्पेंड भी किया गया था
  •  सुशीला कार्की की पहचान एक ऐसे न्यायधीश के रूप में रही है जो भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करती है.

सुशीला कार्की बनीं Gen Z की पसंद

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. अब वह देश की सत्ता की जिम्मेदारी संभाल सकती हैं. युवाओं ने उनके नाम पर सहमति जताई है. अब वह सेना के साथ बातचीत करेंगी. नेपाल की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. हिंसक विरोध प्रदर्शन का दौर अब थम गया है. कानून-व्यवस्था की कमान सेना ने अपने हाथ में ले ली है. 

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