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नेपाल में विरोध प्रदर्शन की होगी जांच... सोशल मीडिया से बैन हटाने को तैयार नहीं पीएम ओली

पीएम ओली ने कहा कि चूंकि सोशल मीडिया कंपनियों ने सरकार को खुली चुनौती दी है, इसलिए उचित नियमन के बिना इन प्लेटफॉर्म को तुरंत फिर से नहीं खोला जा सकता.

  • नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ जेन-जी प्रदर्शन शुरू हुआ जो प्रधानमंत्री ओली के घर तक पहुंच गया.
  • प्रदर्शन के दौरान पूर्वी नेपाल के दमक में ओली के पैतृक घर पर पथराव हुआ और अब तक बीस लोगों की मौत हुई है.
  • गृहमंत्री राकेश लेखक ने प्रदर्शन के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जबकि सरकार ने जांच समिति गठित की है.
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काठमांडू:

भारत का पड़ोसी नेपाल सोशल मीडिया पर लगे बैन को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में सुलग रहा है. राजधानी काठमांडू में संसद के सामने युवाओं ने विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की जिसे जेन-जी के नाम से जाना गया. सोमवार की सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन शाम होते-होते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तक भी पहुंच गया. काठमांडू से करीब  400 किलोमीटर दूर प्रदर्शनकारियों ने पूर्वी नेपाल के कोशी प्रांत के दमक इलाके में ओली के पैतृक घर पर पथराव किया. प्रदर्शन में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. ओली पहले ही इस बात को साफ कर चुके हैं कि सोशल मीडिया पर लगे बैन को हटाया नहीं जाएगा. 

गृहमंत्री ने दिया इस्‍तीफा 


कैबिनेट की बैठक में नेपाली पीएम ओली ने कहा कि जेन-जी की मांगों पर सरकार संवेदनशील है. जेन-जी लोग सकारात्मक तरीके से प्रदर्शन में उतरे थे. सरकार को शान्तिपूर्ण प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन आन्दोलन में घुसपैठ हो गई. उन्होंने आन्दोलन में घुसपैठ होने की बात करते हुए कहा कि ये बात प्रदर्शनकारी जेन-जी भी स्वीकार कर चुके हैं कि उनके प्रदर्शन में कुछ लोगों ने घुसपैठ कर हिंसा की. नेपाल के पर्सा जिले के वीरगंज में भी कर्फ्यू लगाया गया. पीएम केपी शर्मा ओली का पुतला दहन करते हुए भीड़ ने हंगामा किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में कुछ लोग घायल हुए हैं. सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में ओली की सरकार में गृहमंत्री राकेश लेखक ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया.  

रजिस्‍ट्रेशन कराना ही होगा 

माई रिपब्लिका की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने सोमवार को हुए जेन-जी विरोध प्रदर्शन की जांच के लिए एक समिति गठित की है. इस बीच, सरकार ने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंधों को तुरंत नहीं हटाने का फैसला किया है. पिछले गुरुवार को, एक मंत्रिस्तरीय निर्णय के बाद, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी नॉन-रजिस्‍टर्ड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने का आदेश दिया था. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और बाकी मंत्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रजिस्‍टर करने और उन्हें अस्थायी रूप से फिर से खोलने के लिए एक कूटनीतिक समाधान खोजने का सुझाव दिया. 

सरकार को दी है खुली चुनौती 

पीएम ओली ने कहा कि चूंकि सोशल मीडिया कंपनियों ने सरकार को खुली चुनौती दी है, इसलिए उचित नियमन के बिना इन प्लेटफॉर्म को तुरंत फिर से नहीं खोला जा सकता. उन्‍होंने दावा किया सोमवार के विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ देखी गई, जिससे स्थिति और जटिल हो गई. कैबिनेट की मीटिंग में निर्णय लिया गया कि समिति प्रदर्शन के दौरान हुई सभी घटनाओं की जांच करेगी. पैनल को जांच पूरी करने और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. 

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