Delhi News: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC Meeting) में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब देश का लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकार अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं.
'गरीबों के पेट पर लात और पीठ में छुरा'
खरगे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि संसद के शीतकालीन सत्र में MGNREGA को समाप्त करके, सरकार ने न सिर्फ करोड़ों गरीब परिवारों को दो वक्त की रोटी से वंचित किया है बल्कि एक ऐसी योजना को भी खत्म कर दिया, जिसने दशकों से ग्रामीण भारत को आर्थिक सुरक्षा दी थी. खरगे ने कहा कि यह कदम सिर्फ गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा नहीं बल्कि उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा क्रूर निर्णय है.
'ये महात्मा गांधी की सोच का अपमान है'
उन्होंने जोर देकर कहा कि MGNREGA को समाप्त करना महात्मा गांधी की उस सोच का अपमान है, जिसमें ‘सर्वोदय'—यानी सबके कल्याण—की मूल भावना शामिल थी. इसी संदर्भ में उन्होंने सोनिया गांधी के उस बयान का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि MGNREGA का अंत एक सामूहिक नैतिक विफलता है, जिसके मानविक और आर्थिक परिणाम आने वाले वर्षों में करोड़ों लोगों को झेलने पड़ेंगे.
'सरकार को नहीं है गरीबों की चिंता'
इसके बाद खरगे ने UPA सरकार द्वारा संविधान के Directive Principles पर किए गए कामों का जिक्र किया—Right to Work, Right to Food, Right to Education, Right to Health-और कहा कि इनमें से सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले Right to Work पर मोदी सरकार ने संगठित और क्रूर हमला किया है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज सरकार को गरीबों की नहीं, चंद बड़े पूंजीपतियों की कमाई की चिंता ज्यादा है, जबकि महात्मा गांधी हमेशा कहते थे- जो चीज जनता से साझा न की जा सके, वह मेरे लिए वर्जित है.
LIVE: Special CWC Briefing
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 27, 2025
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खरगे ने गिनाए मनरेगा के फायदे
खरगे ने आगे बताया कि MGNREGA सिर्फ एक रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के परिवर्तन की कहानी है. जब वह श्रम मंत्री थे और G‑20 देशों के ILO मंचों पर जाते थे, तब दुनिया भर के प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने इस योजना की सराहना की. उन्होंने याद दिलाया कि 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली में सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह ने MGNREGA की शुरुआत की थी और इसके बाद से यह दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बन गया. यही वह योजना थी जिसने पलायन रोका, ग्रामीण इलाकों को अकाल, भूख और शोषण से राहत दी और दलितों, आदिवासियों तथा गरीब महिलाओं को आत्मविश्वास दिया कि सरकार उनके साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि आज भारत में एक पूरी ऐसी पीढ़ी मौजूद है, जिसने MGNREGA की बदौलत गरीबी से बाहर निकलकर शिक्षा हासिल की और सम्मान के साथ जीना सीखा. यही कारण था कि इस योजना को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम समर्पित किया गया था.
'राहुल गांधी की भविष्यवाणी सच होगी'
लेकिन खरगे के मुताबिक, मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन, मूल्यांकन या राज्यों से सलाह‑मशविरा किए इसे अचानक खत्म कर दिया, ठीक वैसे ही जैसे तीन कृषि कानून लाए गए थे. उन्होंने कहा कि जब 2015 में भूमि अधिग्रहण कानून बदला गया था, तब कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया. फिर 2020 में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष भी देश ने देखा, जिसमें 700 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई और अंततः सरकार को माफी मांगकर कानून वापस लेना पड़ा. इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी पहले ही यह भविष्यवाणी कर चुके हैं कि जिस तरह कृषि कानून वापस लेने पड़े, उसी तरह सरकार को MGNREGA भी दोबारा बहाल करना पड़ेगा.
'आगामी चुनाव की तैयारी शुरू कर दें'खरगे ने इसके बाद चुनाव प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि Special Intensive Revision (SIR) एक सोची‑समझी रणनीति है, जिसके तहत गरीब, दलित, आदिवासी, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे जाने का खतरा है. उन्होंने पार्टी के BLAs से अपील की कि वे घर‑घर जाकर मतदाता सूची की जांच करें ताकि किसी भी वोटर का नाम हटाया न जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां भी अभी से ही मतदाता सूची और संगठनात्मक तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.
नेशनल हेराल्ड केस: अंतत: सत्यमेव जयते होगाइसके बाद खरगे ने केंद्रीय एजेंसियों—ED, IT और CBI—के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि सरकार National Herald मामले के बहाने कांग्रेस नेतृत्व की छवि खराब करने पर आमादा है. उन्होंने विश्वास जताया कि राहुल गांधी की बात के मुताबिक, अंतत: सत्यमेव जयते होगा.
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की निंदाभाषण के अंतिम हिस्से में खरगे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की निंदा की और कहा कि क्रिसमस के अवसर पर भारत के कई इलाकों में BJP‑RSS से जुड़े संगठनों द्वारा तनाव फैलाने की कोशिशें देश की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं.
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