प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
नेपाल और चीन परस्पर रेल संपर्क, राजमार्ग और सीमा पर ड्राई पोर्ट के निर्माण समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. नेपाल में चीन की राजदूत यू होंग ने शनिवार को यह जानकारी दी. होंग का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में नेपाल ने चीन की एक कंपनी द्वारा बनायी जाने वाली 2.5 अरब डॉलर की जलविद्युत परियोजना का ठेका रद्द कर दिया था.
होंग ने कहा कि चीन ने सीमापार रेल लाइन बनाने के नेपाल सरकार के अनुरोध को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा एक टीम परियोजना की प्राथमिक संभाव्यता अध्ययन शुरू कर चुकी है. उन्होंने कहा कि इसी तरह रसुवगाधी-स्याफ्रुबेशी सड़क संपर्क, अरानिको राजमार्ग का पुनरुद्धार और ततोपनी, रसुवा और यरितू में ड्राई पोर्ट का निर्माण चीन की प्राथमिकता में है.
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होंग ने चीनी दूतावास द्वारा आयोजित चीन-नेपाल संबंधों पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 19वें कांग्रेस के उपलक्ष्य में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेपाल को चीन की समृद्धि का फायदा उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेपाल को व्यापार, निवेश और संपर्क जैसे मामलों में चीन की समृद्धि का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि नेपाल पहले ही चीन द्वारा प्रस्तावित वन बेल्ट-वन रोड मुहिम से जुड़ चुका है.
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उन्होंने कहा कि चीन बराबर सम्मान कि आपसी सहयोग और साझा विकास ढांचा के तहत नेपाल की मदद करता रहा है. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के संबंध हालिया समय में बेहतर हुए हैं. उच्च स्तरीय दौरे, नेपाल में रेलवे की संभाव्यता का अध्ययन और चीन में नेपाल के छात्रों की बढ़ती तादाद मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के संकेत हैं. उन्होंने नेपाल की वन-चाइना नीति की सराहना की. वन चाइना नीति का अर्थ एकमात्र चीनी सरकार को मान्यता देना है और यह मानना है कि ताईवान चीन का हिस्सा है.
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होंग ने कहा कि चीन ने सीमापार रेल लाइन बनाने के नेपाल सरकार के अनुरोध को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा एक टीम परियोजना की प्राथमिक संभाव्यता अध्ययन शुरू कर चुकी है. उन्होंने कहा कि इसी तरह रसुवगाधी-स्याफ्रुबेशी सड़क संपर्क, अरानिको राजमार्ग का पुनरुद्धार और ततोपनी, रसुवा और यरितू में ड्राई पोर्ट का निर्माण चीन की प्राथमिकता में है.
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होंग ने चीनी दूतावास द्वारा आयोजित चीन-नेपाल संबंधों पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 19वें कांग्रेस के उपलक्ष्य में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेपाल को चीन की समृद्धि का फायदा उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेपाल को व्यापार, निवेश और संपर्क जैसे मामलों में चीन की समृद्धि का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि नेपाल पहले ही चीन द्वारा प्रस्तावित वन बेल्ट-वन रोड मुहिम से जुड़ चुका है.
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उन्होंने कहा कि चीन बराबर सम्मान कि आपसी सहयोग और साझा विकास ढांचा के तहत नेपाल की मदद करता रहा है. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के संबंध हालिया समय में बेहतर हुए हैं. उच्च स्तरीय दौरे, नेपाल में रेलवे की संभाव्यता का अध्ययन और चीन में नेपाल के छात्रों की बढ़ती तादाद मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के संकेत हैं. उन्होंने नेपाल की वन-चाइना नीति की सराहना की. वन चाइना नीति का अर्थ एकमात्र चीनी सरकार को मान्यता देना है और यह मानना है कि ताईवान चीन का हिस्सा है.
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