लाहौर / इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के आम चुनावों में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को तगड़ी बढ़त मिलने के बाद इसके प्रमुख नवाज शरीफ का तीसरी दफा देश का प्रधानमंत्री बनना अब लगभग तय है।
नवाज शरीफ ने कहा है कि वह सबको साथ लेकर चलेंगे, क्योंकि पाकिस्तान के हालात को बदलना ही उनका अहम मकसद है। साथ ही उन्होंने इमरान खान पर इशारों ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि हमें जिसने भी बुरा−भला कहा या फिर गालियां दीं, हम उन सबको माफ करते हैं।
रुझानों के मुताबिक नवाज शरीफ़ की पार्टी पीएमएल-एन को 126 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। वहीं इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है और उसे 34 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, जबकि जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 32 सीटों पर आगे है।
पाकिस्तान के चार प्रांतीय असेंबली में हुए चुनावों के भी रुझान आ रहे हैं, जिनके मुताबिक खैबर पख्तूनवा में इमरान की पार्टी, सिंध में जरदारी की पार्टी, पंजाब में नवाज शरीफ की पार्टी और बलूचिस्तान में पीएमए पार्टी को बढ़त है। अपने जमाने के स्टार क्रिकेट खिलाड़ी और अब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान अपना चुनाव तो जीत गए हैं, लेकिन उनकी पार्टी जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ दूसरे स्थान पर आने के लिए संघर्ष कर रही है।
हालांकि राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर तहरीक-ए-इंसाफ 40 सीटें जीतती है, तो यह इमरान के लिए बड़ी कामयाबी होगी। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में उनके समर्थन में माहौल बनता दिखा, लेकिन इसके बाद भी उनकी पार्टी इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनने में कामयाब नहीं हो सकी। सबसे ज्यादा नुकसान ज़रदारी की पार्टी पीपीपी को होता दिख रहा है। पिछले पांच साल से पीपीपी सरकार में रही है। पहली बार पाकिस्तान में किसी पार्टी ने पांच साल तक सरकार चलाई, तो वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी ही रही, लेकिन चुनाव परिणामों में पीपीपी को निराशा हाथ लग रही है।
पाकिस्तान में हुए इन चुनावों में सत्ता की चाबी किसी के भी हाथ लग रही हो, लेकिन यहां पर लोकतांत्रिक तरीके से निष्पक्ष चुनाव हो जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। पाकिस्तान के मुख्य चुनाव अधिकारी फकरुद्दीन जी इब्राहिम ने कहा कि आखिरकार पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पुलिस और सैन्य सहयोग के साथ मिलकर सफलतापूवर्क चुनाव आयोजित करा लिए हैं और ये चुनाव बिना किसी शक के निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से हुए हैं। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के सभी लोगों को कहा कि यह दिन पाकिस्तान के लिए जश्न का दिन है, और लोग इसे बेहद उत्साह के साथ मनाएं।
शनिवार को पाकिस्तान में हुए इस ऐतिहासिक आम चुनाव के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच वोटिंग हुई, लेकिन इसके बाद भी अलग−अलग इलाकों में हुए आतंकवादी हमलों में 24 लोगों के मारे जाने की खबर है। साथ ही 50 से ज्यादा लोग इन हमलों में घायल भी हुए। हालांकि पाकिस्तानी तालिबान की धमकियों के बावजूद पोलिंग बूथों पर वोटरों की भीड़ दिखाई दी।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक लोगों में वोट डालने को लेकर काफी उत्साह था और कई इलाकों में लोग वोट डालने के लिए 3−4 घंटों तक लाइन में खड़े रहे। तालिबान की धमकी के बावजूद वोटर डरे नहीं और वोट डालने पहुंचते रहे, जिसकी वजह से चुनाव आयोग को वोटिंग का समय शाम पांच बजे से बढ़ाकर छह बजे तक करना पड़ा। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक कुल साढ़े आठ करोड़ मतदाताओं में से करीब 60 फ़ीसदी लोगों ने कल के चुनाव में वोट डाला।
(इनपुट भाषा से भी)
नवाज शरीफ ने कहा है कि वह सबको साथ लेकर चलेंगे, क्योंकि पाकिस्तान के हालात को बदलना ही उनका अहम मकसद है। साथ ही उन्होंने इमरान खान पर इशारों ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि हमें जिसने भी बुरा−भला कहा या फिर गालियां दीं, हम उन सबको माफ करते हैं।
रुझानों के मुताबिक नवाज शरीफ़ की पार्टी पीएमएल-एन को 126 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। वहीं इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है और उसे 34 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, जबकि जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 32 सीटों पर आगे है।
पाकिस्तान के चार प्रांतीय असेंबली में हुए चुनावों के भी रुझान आ रहे हैं, जिनके मुताबिक खैबर पख्तूनवा में इमरान की पार्टी, सिंध में जरदारी की पार्टी, पंजाब में नवाज शरीफ की पार्टी और बलूचिस्तान में पीएमए पार्टी को बढ़त है। अपने जमाने के स्टार क्रिकेट खिलाड़ी और अब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान अपना चुनाव तो जीत गए हैं, लेकिन उनकी पार्टी जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ दूसरे स्थान पर आने के लिए संघर्ष कर रही है।
हालांकि राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर तहरीक-ए-इंसाफ 40 सीटें जीतती है, तो यह इमरान के लिए बड़ी कामयाबी होगी। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में उनके समर्थन में माहौल बनता दिखा, लेकिन इसके बाद भी उनकी पार्टी इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनने में कामयाब नहीं हो सकी। सबसे ज्यादा नुकसान ज़रदारी की पार्टी पीपीपी को होता दिख रहा है। पिछले पांच साल से पीपीपी सरकार में रही है। पहली बार पाकिस्तान में किसी पार्टी ने पांच साल तक सरकार चलाई, तो वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी ही रही, लेकिन चुनाव परिणामों में पीपीपी को निराशा हाथ लग रही है।
पाकिस्तान में हुए इन चुनावों में सत्ता की चाबी किसी के भी हाथ लग रही हो, लेकिन यहां पर लोकतांत्रिक तरीके से निष्पक्ष चुनाव हो जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। पाकिस्तान के मुख्य चुनाव अधिकारी फकरुद्दीन जी इब्राहिम ने कहा कि आखिरकार पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पुलिस और सैन्य सहयोग के साथ मिलकर सफलतापूवर्क चुनाव आयोजित करा लिए हैं और ये चुनाव बिना किसी शक के निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से हुए हैं। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के सभी लोगों को कहा कि यह दिन पाकिस्तान के लिए जश्न का दिन है, और लोग इसे बेहद उत्साह के साथ मनाएं।
शनिवार को पाकिस्तान में हुए इस ऐतिहासिक आम चुनाव के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच वोटिंग हुई, लेकिन इसके बाद भी अलग−अलग इलाकों में हुए आतंकवादी हमलों में 24 लोगों के मारे जाने की खबर है। साथ ही 50 से ज्यादा लोग इन हमलों में घायल भी हुए। हालांकि पाकिस्तानी तालिबान की धमकियों के बावजूद पोलिंग बूथों पर वोटरों की भीड़ दिखाई दी।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक लोगों में वोट डालने को लेकर काफी उत्साह था और कई इलाकों में लोग वोट डालने के लिए 3−4 घंटों तक लाइन में खड़े रहे। तालिबान की धमकी के बावजूद वोटर डरे नहीं और वोट डालने पहुंचते रहे, जिसकी वजह से चुनाव आयोग को वोटिंग का समय शाम पांच बजे से बढ़ाकर छह बजे तक करना पड़ा। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक कुल साढ़े आठ करोड़ मतदाताओं में से करीब 60 फ़ीसदी लोगों ने कल के चुनाव में वोट डाला।
(इनपुट भाषा से भी)
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