- US खुफिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पुतिन पूर्व सोवियत संघ के क्षेत्र को फिर से हासिल करना चाहते हैं
- यूरोपीय नेताओं और खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पुतिन पूरे यूक्रेन और नाटो के सदस्य देशों पर कब्जा चाहते हैं
- US राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गैबार्ड ने रूस के विस्तारवादी इरादों की इन खबरों का खंडन किया है
अमेरिका और रूस दोनों सुपरपावर हैं. अगर आपस में लड़े तो दुनिया का समाप्त होना तय है. पिछले काफी दिनों से एक थ्योरी चल रही है कि पुतिन का इरादा फिर से सोवियत यूनियन काल के समय के क्षेत्रफल वाला रूस बनाना है. यूक्रेन महज एक बहाना है असली काम तो सोवियत रूस बनाना है. ये भी फैलाया गया कि अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में लगातार चेतावनी दी जा रही है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूरे यूक्रेन पर कब्जा करने और पूर्व सोवियत साम्राज्य के हिस्से रहे यूरोप के कुछ क्षेत्रों को वापस हासिल करने के अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इसीलिए ट्रंप युद्ध को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे रूस के पास बहुत कम क्षेत्र बचेगा.
कौन से देशों पर खतरा
इसी आधार पर ये बताया गया कि 2022 में पुतिन के यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद से अमेरिकी निष्कर्ष लगातार एक जैसे रहे हैं. ये निष्कर्ष काफी हद तक यूरोपीय नेताओं और जासूसी एजेंसियों के इस विचार से मेल खाते हैं कि पुतिन पूरे यूक्रेन और नाटो गठबंधन के सदस्यों सहित पूर्व सोवियत संघ के राज्यों के क्षेत्रों पर कब्जा करना चाहते हैं. हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के डेमोक्रेटिक सदस्य माइक क्विगली ने रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "खुफिया जानकारी हमेशा से यही कहती रही है कि पुतिन और अधिक चाहते हैं. यूरोपीय इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हैं. पोलैंड के लोग तो बिल्कुल आश्वस्त हैं. बाल्टिक देशों का मानना है कि वे पहले स्थान पर हैं."
तुलसी गैबार्ड का दावा
Tulsi Gabbard says the EU and NATO are trying to drag the US into a war with Russia: "They undermine President Trump's efforts towards peace and do so specifically in order to pull the US military into a direct conflict with Russia." pic.twitter.com/zcwyxiwxnM
— TheBlaze (@theblaze) December 21, 2025
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गैबार्ड ने इन सब दावों का सार्वजनिक खंडन कर दिया है. उन्होंने एरिजोना में आर्म्स फेस्ट में आरोप लगाया कि यूरोपीय संघ और नाटो सक्रिय रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका को रूस के साथ सीधे संघर्ष की ओर धकेल रहे हैं, जिससे शांति का रास्ता खोजने के बजाय तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने आगे दावा किया कि वाशिंगटन के भीतर तथाकथित "डीप स्टेट" के लोग संभावित शांति वार्ता और राजनयिक समाधानों को रोकने के लिए पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. वे गुप्त विचारों और वार्ताओं को लीक कर देते हैं. इससे शांति प्रक्रिया बीच में ही अटक जाती है. डीप स्टेट वही डर फैलाता है जो यूरोपीय यूनियन और नाटो चाहता है.
डीप स्टेट क्या है
Deep State warmongers and their Propaganda Media are again trying to undermine President Trump's efforts to bring peace to Ukraine—and indeed Europe—by falsely claiming that the ‘U.S. intelligence community' agrees to and supports EU/NATO viewpoint that Russia's aim is to…
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) December 20, 2025
तुलसी गैबार्ड ने एक्स पर पोस्ट कर भी लिखा है, 'डीप स्टेट के युद्ध भड़काने वाले और उनका दुष्प्रचारक मीडिया एक बार फिर यूक्रेन और यूरोप में शांति स्थापित करने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. वे झूठा दावा कर रहे हैं कि 'अमेरिकी खुफिया समुदाय' यूरोपीय संघ/नाटो के इस दृष्टिकोण से सहमत और समर्थन करता है कि रूस का उद्देश्य यूरोप पर आक्रमण करना/कब्जा करना है (ताकि वे अपनी युद्ध-समर्थक नीतियों के लिए समर्थन जुटा सकें). सच्चाई यह है कि 'अमेरिकी खुफिया' आकलन के अनुसार, रूस के पास यूक्रेन पर विजय प्राप्त करने और उस पर कब्जा करने की क्षमता भी नहीं है, यूरोप पर आक्रमण करने और उस पर कब्जा करने की तो बात ही क्या है.' जाहिर है तुलसी के दावों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और ऐसा लगता है कि यही कारण है कि ट्रंप किसी भी तरह यूक्रेन पर समझौते का दबाव डाल रहे हैं. आपको बता दें कि अमेरिका में डीप स्टेट हथियार लॉबी सहित ऐसे लोगों को कहा जाता है जो, अपने पैसे के दम पर अमेरिकी सरकार सहित दुनिया को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं.
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