अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का रोवर ‘पर्सवियरन्स' (Perseverance) शुक्रवार को लाल ग्रह की सतह पर सुरक्षित उतर गया. अब तक के सबसे जोखिम भरे और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण इस अभियान का उद्देश्य यह पता लगाना है कि मंगल ग्रह (Mars) पर क्या कभी जीवन था. मंगल ग्रह पर पहुंचे रोवर ने शुक्रवार को पहली बार कैमरे में कैद किया. रोवर द्वारा बनाए गए हाई रेशोलेशन वीडियो से कुछ तस्वीरें निकाली गई हैं. इन तस्वीरों में मंगल ग्रह की सतह दिखाई दे रही है. बता दें कि अमेरिका के फ्लोरिडा में केप केनावेरल अंतरिक्ष सेंटर से पिछले साल 30 जुलाई को मंगल ग्रह के लिए लिए इस अभियान की शुरुआत हुई थी.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि धरती से 47.2 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर रोवर मंगल की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतर गया. अभियान के तहत ग्रह से चट्टानों के टुकड़े भी लाने का प्रयास किया जाएगा जो मंगल ग्रह से जुड़े सवालों का जवाब खोजने में अहम साबित हो सकते हैं. रोवर के ट्विटर अकाउंट के जरिए लिखा कि जिस पल का हमारी टीम ने वर्षों तक सपना देखा था, वह अब सच हो चुका है. हमने हिम्मत से कर दिखाया.
The moment that my team dreamed of for years, now a reality. Dare mighty things. #CountdownToMars pic.twitter.com/8SgV53S9KG
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) February 19, 2021
नासा के कार्यवाहक प्रशासक स्टीव जुरचेक ने कहा, ‘‘नासा, अमेरिका और वैश्विक स्तर पर स्पेस रिसर्च के लिए यह एक अहम पल है. इससे हमें मंगल के बारे में और जानकारी मिलेगी जिसे हम दूसरों को बता पाएंगे.'' एक तस्वीर में दिख रहा है कि जब रोवर नीचें लैंड किया तो उसने 6.4 मीटर लंबी केबल को काट दिया. ताकि ग्रह पर सुरक्षित लैंडिंग की जा सके.
रोवर की एक अन्य तस्वीर ऑर्बिटर से ली गई है, यह तस्वीर उस वक्त की है जब रोवर ‘पर्सवियरन्स' सैकड़ों मील प्रतिघंटे की रफ्तार से वायुमंडल में नीचे उतर रहा था. ‘पर्सवियरन्स' खुद से हाई रेशोलेशन तस्वीर अपलोड करने में सक्षम है. इसके द्वारा जारी तस्वीर में एक समतल क्षेत्र दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर से ऐसा प्रतीत होता है कि यहां अरबों साल पहले एक नदी और गहरी झील मौजूद थी.
‘पर्सविरन्स' नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है और 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, तब ग्रह पर पानी बहता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है.
इनपुट एजेंसी भाषा से भी
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