नासा (NASA) ने मंगल पर झील होने का दावा किया
नई दिल्ली:
मंगलग्रह पर जीवन की संभवाओं को लेकर कई तरह के रिपोर्ट्स सामने आ गये हैं. मगर नासा (NASA) द्वारा जारी ताजा शोध की मानें तो मंगल ग्रह पर पहली बार विशाल भूमिगत झील का पता चला है. इससे वहां अधिक पानी और यहां तक कि जीवन की उपस्थिति की संभावना पैदा हो गयी है. अमेरिकी जर्नल साइंस में प्रकाशित अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि मार्सियन हिम खण्ड के नीचे अवस्थित झील 20 किलोमीटर चौड़ी है. यह मंगल ग्रह पर पाया गया अब तक का सबसे बड़ा जल निकाय है. ऑस्ट्रेलिया के स्विनबर्न विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलन डफी ने कहा इसे शानदार उपलब्धि करार देते हुए कहा कि इससे जीवन के अनुकूल परिस्थितियों की संभावनाएं खुलती हैं.
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गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को घोषणा की कि मंगल पर 2012 में उतरे खोजी रोबोट क्यूरियोसिटी को चट्टानों में तीन अरब साल पुराने कार्बनिक अणु मिले हैं. यह खोज इशारा करती है कि उस समय इस ग्रह पर जीवन रहा होगा. नासा के सौर प्रणाली अन्वेषण विभाग के निदेशक पॉल महाफी ने कहा कि यह एक रोमांचक खोज है, हालांकि फिर भी इससे इस बात की पुष्टि नहीं होती कि अणुओं का जन्म कैसे हुआ.
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इस तथ्य के बावजूद कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ये अणु कैसे निर्मित हुए थे, नासा ने कहा है कि इस प्रकार के कण मंगल ग्रह पर काल्पनिक सूक्ष्मजैविकी के खाद्य स्रोत हो सकते हैं. मैरीलैंड में स्थित नासा के गोर्डाड स्पेस सेंटर की जेनिफर एगनब्रोड ने कहा कि मंगल ग्रह पर पाए गए कार्बनिक अणु जीवन के विशिष्ट प्रमाण प्रदान नहीं करते हैं, क्योंकि वे 'गैर-जैविक' चीजों के हो सकते हैं.
VIDEO: मंगल और शुक्र ग्रह पर उड़ान की तैयारी.
जेनिफर के अनुसार, हालांकि किसी भी मामले में अणु मंगल ग्रह पर जीवन की निरंतर खोज में वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि हम जिस जीवन के बारे में जानते हैं, वह कार्बनिक अणुओं पर आधारित है. उन्होंने कहा कि हालांकि मंगल की वर्तमान सतह में जीवन नहीं पनप सकता है. लेकिन संभवत: पहले कभी मंगल का वातावरण पानी या तरल पदार्थ को ग्रह की जमीन पर मौजूद रखने में सक्षम था. (इनपुट भाषा से)
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गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को घोषणा की कि मंगल पर 2012 में उतरे खोजी रोबोट क्यूरियोसिटी को चट्टानों में तीन अरब साल पुराने कार्बनिक अणु मिले हैं. यह खोज इशारा करती है कि उस समय इस ग्रह पर जीवन रहा होगा. नासा के सौर प्रणाली अन्वेषण विभाग के निदेशक पॉल महाफी ने कहा कि यह एक रोमांचक खोज है, हालांकि फिर भी इससे इस बात की पुष्टि नहीं होती कि अणुओं का जन्म कैसे हुआ.
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इस तथ्य के बावजूद कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ये अणु कैसे निर्मित हुए थे, नासा ने कहा है कि इस प्रकार के कण मंगल ग्रह पर काल्पनिक सूक्ष्मजैविकी के खाद्य स्रोत हो सकते हैं. मैरीलैंड में स्थित नासा के गोर्डाड स्पेस सेंटर की जेनिफर एगनब्रोड ने कहा कि मंगल ग्रह पर पाए गए कार्बनिक अणु जीवन के विशिष्ट प्रमाण प्रदान नहीं करते हैं, क्योंकि वे 'गैर-जैविक' चीजों के हो सकते हैं.
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जेनिफर के अनुसार, हालांकि किसी भी मामले में अणु मंगल ग्रह पर जीवन की निरंतर खोज में वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि हम जिस जीवन के बारे में जानते हैं, वह कार्बनिक अणुओं पर आधारित है. उन्होंने कहा कि हालांकि मंगल की वर्तमान सतह में जीवन नहीं पनप सकता है. लेकिन संभवत: पहले कभी मंगल का वातावरण पानी या तरल पदार्थ को ग्रह की जमीन पर मौजूद रखने में सक्षम था. (इनपुट भाषा से)
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