धरती को एक बार फिर खतरा है. आसमान से एक विशालकाय एस्टेरॉयड धरती की तरफ तेजी से आ रहा है. इस विशालकाय उल्कापिंड को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) की तरफ से चेतावनी जारी की गयी है. नासा ने इस एस्टेरॉयड का पता लगाया है. इसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है. हालांकि साथ ही एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि धरती से इसके टकराने का अभी खतरा नहीं दिख रहा है.
काफी तेजी से बढ़ रहा है धरती की तरफ
अमेरिकी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि यह विशाल एस्टेरॉयड 65,215 किमी/घंटा की आश्चर्यजनक गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. जानकारी के अनुसार इसका व्यास लगभग 260 फीट है. आकार में यह स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी जितना बड़ा है. आशंका है कि यह एस्टेरॉयड 8 जुलाई को धरती से लगभग 1.5 मिलियन किमी की दूरी से गुजरते हुए पृथ्वी के सबसे करीब आएगा. यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से लगभग चार गुना है. इस आकार के क्षुद्रग्रहों को संभावित रूप से खतरनाक माना जाता है क्योंकि यदि वे पृथ्वी से टकराते हैं तो इससे बहुत बड़ी क्षति हो सकती है.
कैसे लगाया गया पता?
NASA की है पैनी नजर
वर्तमान में, कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (JPL) एस्टेरॉयड के प्रक्षेप पथ पर बारीकी से नज़र रख रही है. जेपीएल का एस्टेरॉयड वॉच डैशबोर्ड एस्टेरॉयड की स्थिति, गति और पृथ्वी से दूरी पर वास्तविक समय डेटा प्रदान करता है.
PDCO की तरफ से लगातार हो रही है
हालांकि टकराव का तत्काल कोई खतरा नहीं है, नासा का ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय (PDCO) ऐसे खतरों को कम करने के लिए रणनीतियों पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. पीडीसीओ एस्टेरॉयड विक्षेपण और प्रभाव की रोकथाम के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों और अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करता है.
एस्टेरॉयड 2024 MT1 के करीब आने से खगोलविदों और अंतरिक्ष प्रेमियों में दिलचस्पी बढ़ गई है. दुनिया भर की वेधशालाएं एस्टेरॉयड 2024 MT1 की इमेज और डेटा को कैप्चर करने के लिए कमर कस रही हैं.
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