
प्रतीकात्मक तस्वीर
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नासा ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया.
ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान से 80 करोड़ गुणा बड़ा है.
इस खगोलीय विवर में जो वस्तु जाती है वह वापस नहीं लौटती.
खगोलविदों ने सबसे दूरी पर स्थित पिण्डों का अध्ययन करने के लिए नासा की वाइड फील्ज इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (वाइज) से प्राप्त डेटा को जमीन पर हुए सर्वेक्षणों से जोड़कर देखा और फिर चिली की कार्नेज ऑब्जर्वेट्री की मेगैलन टेलिस्कोप्स के जरिए इसका पता लगाने का प्रयास किया.
Scientists recently identified the farthest super-massive black hole ever discovered. It’s voraciously devouring material at the center of its galaxy -- a phenomenon called a quasar whose light took 13 billion years to reach Earth! Get the details: https://t.co/kkcvbdvjGX pic.twitter.com/YdpNhZGrdl
— NASA (@NASA) December 6, 2017
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अनुसंधानकर्ताओं ने मेगैलन के जरिए देखे जाने के लिए वाइज द्वारा खोजे गए करोड़ों पिण्डों में से कुछ की पहचान की. अमेरिका में नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री के डेनियल स्टर्न ने कहा, 'हमारी उम्मीद के उलट यह ब्लैक होल महाविस्फोट (बिग बैंग) के केवल 69 करोड़ साल के बाद ही कहीं ज्यादा दूरी पर चला गया है जो ब्लैक होल बनने की प्रक्रिया के हमारे सिद्धांतों को चुनौती देता है.'
VIDEO: ब्रह्मांड की सबसे ठंडी जगह बनाने में जुटे वैज्ञानिक... (इनपुट भाषा से)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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