मणिपुर में उग्रवादी हमले वाले स्थल की तस्वीर, जिसमें सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे
यंगून:
म्यांमार ने कहा है कि भारतीय सुरक्षा बलों ने भारत की सीमा के अंदर उग्रवादियों पर हमले किए और पड़ोसी देशों पर हमले के लिए उग्रवादियों को यहां की सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
अपने फेसबुक पोस्ट में म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय के निदेशक जाव ते ने कहा, 'तातमदाव (म्यामांर की सेना) की बटालियन की ओर से भेजी गई सूचना के अनुसार हमें पता चला है कि भारत-म्यामांर सीमा पर भारतीय क्षेत्र में सैन्य अभियान को अंजाम दिया गया।' उन्होंने कहा, 'म्यामांर ऐसे किसी विदेशी को स्वीकार नहीं करेगा जो हमारे सीमा क्षेत्र का इस्तेमाल करके पड़ोसी देशों पर हमले करें और समस्याएं पैदा करें।'
म्यांमार सरकार की ओर से यह आधिकारिक बयान उस वक्त आया है जब भारत में सरकार की ओर से कहा गया है कि सेना के विशेष बलों ने म्यांमार की सीमा के भीतर उग्रवादियों के दो शिविरों को नष्ट करने के लिए सटीक हमला किया।
इससे पहले कहा गया था कि भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा में दो किलोमीटर अंदर घुसकर उग्रवादियों के दो कैंप पुरी तरह तबाह कर डाले। सेना की इस कार्रवाई में करीब 100 उग्रवादियों के मारे जाने का भी दावा किया गया था।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि ये प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया ऐतिहासिक और साहसिक फैसला था। ये उन पड़ोसी देशों के लिए भी एक कड़ा संदेश है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
सेना की इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा उग्रवादी मारे गए। इनमें ज्यादातर वही उग्रवादी थे जो घात लगाकर 18 जवानों की हत्या करने में शामिल थे। इस अभियान में उग्रवादियों के दो कैंप पूरी तरह से बरबाद कर दिए गए हैं।
अपने फेसबुक पोस्ट में म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय के निदेशक जाव ते ने कहा, 'तातमदाव (म्यामांर की सेना) की बटालियन की ओर से भेजी गई सूचना के अनुसार हमें पता चला है कि भारत-म्यामांर सीमा पर भारतीय क्षेत्र में सैन्य अभियान को अंजाम दिया गया।' उन्होंने कहा, 'म्यामांर ऐसे किसी विदेशी को स्वीकार नहीं करेगा जो हमारे सीमा क्षेत्र का इस्तेमाल करके पड़ोसी देशों पर हमले करें और समस्याएं पैदा करें।'
म्यांमार सरकार की ओर से यह आधिकारिक बयान उस वक्त आया है जब भारत में सरकार की ओर से कहा गया है कि सेना के विशेष बलों ने म्यांमार की सीमा के भीतर उग्रवादियों के दो शिविरों को नष्ट करने के लिए सटीक हमला किया।
इससे पहले कहा गया था कि भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा में दो किलोमीटर अंदर घुसकर उग्रवादियों के दो कैंप पुरी तरह तबाह कर डाले। सेना की इस कार्रवाई में करीब 100 उग्रवादियों के मारे जाने का भी दावा किया गया था।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि ये प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया ऐतिहासिक और साहसिक फैसला था। ये उन पड़ोसी देशों के लिए भी एक कड़ा संदेश है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
सेना की इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा उग्रवादी मारे गए। इनमें ज्यादातर वही उग्रवादी थे जो घात लगाकर 18 जवानों की हत्या करने में शामिल थे। इस अभियान में उग्रवादियों के दो कैंप पूरी तरह से बरबाद कर दिए गए हैं।
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