विज्ञापन
This Article is From Mar 15, 2021

म्यांमार में सैन्य शासन का अत्याचार; 38 प्रदर्शनकारियों को उतारा मौत के घाट, यांगून के कई हिस्सों में मार्शल लॉ- रिपोर्ट

समूह के मुताबिक, सबसे अधिक 34 लोगों की मौत यांगून में हुई है और जहां के दो टाउनशिप हलियांग थार यार और पड़ोसी श्वेपियता में मार्शल कानून लागू किया गया है.

म्यांमार में सैन्य शासन का अत्याचार; 38 प्रदर्शनकारियों को उतारा मौत के घाट, यांगून के कई हिस्सों में मार्शल लॉ- रिपोर्ट
यांगून के कई हिस्सों में मार्शल कानून लागू (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
असैन्य सरकार के तख्तापलट के खिलाफ लोगों में गुस्सा
म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 38 लोगों की मौत
यांगून:

म्यांमार में सत्तारूढ़ जुंटा (सैन्य शासन) ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून के कई हिस्सों में मार्शल कानून (Martial Law) लागू करने की घोषणा की है. असैन्य सरकार का तख्तापलट करने के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने के लिए की जा रही सख्त कार्रवाई में मारे गए लोगों की बढ़ती संख्या के बीच सैन्य शासन ने यह कदम उठाया है. हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर नजर रखने वाले स्वतंत्र समूह ‘एसिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स' के मुताबिक, रविवार सबसे हिंसक दिनों में से एक रहा, क्योंकि प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान कम से कम 38 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं.

समूह के मुताबिक, सबसे अधिक 34 लोगों की मौत यांगून में हुई है और जहां के दो टाउनशिप हलियांग थार यार और पड़ोसी श्वेपियता में मार्शल कानून लागू किया गया है.

हलियांग थार यार टाउनशिप का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें लोग भाग रहे हैं और गोली चलने की आवाजें आ रही हैं. ‘इंडिपेंडेंट डेमोक्रेटिक वाइस ऑफ बर्मा' द्वारा जारी फुटेज में दिख रहा है कि जो लोग भाग रहे हैं वे एक घायल व्यक्ति को ले जा रहे हैं जबकि दो अन्य को होश में लाने की कोशिश कर रहे हैं जिनमें से एक मरणासन्न या मृत लग रहा है. सहायता समूह के मुताबिक, हलियांग थार यार वह इलाका है जहां रविवार को 22 नागरिकों की मौत हुई, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए और बड़ी संख्या में जुंटा बल इलाके में तैनात हैं. 

म्यांमार में तख्ता पलट के बाद गत छह हफ्ते से आपातकाल लागू है लेकिन रविवार देर शाम सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने पहली बार मार्शल कानून का जिक्र किया जिससे प्रतीत होता है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस के बजाय सेना ने सीधे अपने हाथ में ले ली है. घोषणा में कहा गया कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए यांगून के क्षेत्रीय कमांडर को उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में प्रशासनिक, न्यायिक और सैन्य अधिकार दिए गए हैं. 

वीडियो: डोनाल्ड ट्रंप पर तख्तापलट का आरोप, कैपिटल हिल्स हिंसा में 4 की मौत

  

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: