"माई मॉम इज डेड": 40 दिन जंगल में भटकने के बाद बच्चों के निकले पहले शब्द

प्लेन क्रैश (Plane Cross) के बाद एक महीने से अधिक समय तक जंगल (Forest) में भटकने के बाद चार बच्चों को बचाया गया और एयरलिफ्ट (Airlift) किया गया. इसके बाद बच्चों को राजधानी के सैन्य अस्पताल (Hospital) में भर्ती कराया गया.

नई दिल्ली:

कोलंबिया के जंगल में 40 दिनों से लापता चार बच्चों ने अस्पताल में होश आने पर पहला शब्द कहा, "मुझे भूख लगी है" और "मेरी माँ मर चुकी है". बचाव दल के सदस्यों ने रविवार को एक टेलीविजन इंटरव्‍यू में यह जानकारी दी. एक महीने से अधिक समय तक अकेले भटकने के बाद 13, नौ, पांच और एक साल के बच्चों को शुक्रवार को अमेजन के जंगल से बचाया गया और एयरलिफ्ट किया गया. दो दिन बाद राजधानी के एक सैन्य अस्पताल में उनको भर्ती कराया गया. पब्लिक ब्रॉडकास्‍ट चैनल आरटीवीसी पर रविवार को साक्षात्कार में बच्चों को खोजने के लिए दल के सदस्यों ने बच्चों से मिलने के बाद उन पहले क्षणों को याद किया.

खोज और बचाव दल में से एक निकोलस ऑर्डोनेज़ गोम्स ने कहा, "सबसे बड़ी बेटी, लेस्ली, अपनी छोटी बहन को गोद में लिए मेरी ओर दौड़ी. लेस्ली ने कहा, "मुझे भूख लगी है". उन्‍होंने कहा, "दो लड़कों में से एक लेटा हुआ था. वह उठा और मुझसे बोला- 'मेरी माँ मर चुकी है'. 

एक मई को प्लेन दुर्घटनाग्रस्त होने पर चार बच्चे जंगल में खो गए थे. पायलट ने सैन जोस डेल ग्वावियारे शहर के लिए अराराकुआरा से उड़ान भरी थी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद इंजन में समस्‍या आ गई. पायलट, बच्चों की मां और एक अन्य वयस्क के शव दुर्घटनास्थल पर पाए गए, जहां विमान पेड़ों में लगभग सीधा खड़ा था.

बच्चों के पिता ने रविवार को अस्पताल के बाहर प्रेस से बात करते हुए कहा कि उनकी पत्नी एक मई की दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, लेकिन वह चार दिन बाद तक नहीं मरी, उसके बच्चे उसके बगल में थे.

मैनुअल मिलर रानोक ने संवाददाताओं से कहा, "एक बात जो (13 वर्षीय लेस्ली) ने मेरे लिए स्पष्ट की है, वास्तव में, उसकी मां चार दिनों तक जीवित थी." "मरने से पहले उनकी मां ने उनसे कहा, 'तुम लोग यहां से चले जाओ. तुम लोग देखने जा रहे हो कि तुम्हारे पिता किस तरह के आदमी हैं और वह तुम्हें उसी तरह का प्यार करेंगे जो मैंने किया है." 

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