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वक्त आ गया है... रूस ने भारत-चीन रिश्तों के सुधार पर दिया जोर, कौन कर रहा साजिश? ये भी बताया

रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा (India-China Border) पर स्थिति को कैसे आसान बनाया जाए, इस पर सहमति बन गई है. उनको लगता है कि  इस आरआईसी तिकड़ी को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है.

वक्त आ गया है... रूस ने भारत-चीन रिश्तों के सुधार पर दिया जोर,  कौन कर रहा साजिश? ये भी बताया
भारत-चीन संबंधों पर मॉस्को का बड़ा बयान.
मॉस्को:

रूस के विदेश मंत्री ने भारत-चीन संबंधों (Russia-India-China Relations) को और बेहतर करने को लेकर बड़ा बयान दिया है. विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) ने गुरुवार को रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय संबंधों के ढांचे को फिर से सक्रिय करने में अपनी रुचि जाहिर की. उन्होंने कहा कि मॉस्को वास्तव में इस सोच का प्रबल समर्थक है कि रूस-भारत-चीन (RIC), ये तीनों देश साथ मिलकर आगे बढ़ें. उन्होंने ये बात  यूरेशिया में सुरक्षा और सहयोग पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कही. 

रूस-भारत-चीन रिश्तों की बेहतरी पर जोर

विदेश मंत्री लावरोव के हवाले से रूस की सरकारी एजेंसी TASS ने कहा कि वह रूस-भारत-चीन के फॉर्मेट के भीतर काम को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने में मॉस्को की वास्तविक रुचि की पुष्टि करते हैं. उन्होंने बताया कि RIC को कई साल पहले रूस के पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर स्थापित किया गया था. जिसने तब से लेकर अब तक न सिर्फ विदेश नीति प्रमुखों के स्तर पर, बल्कि तीनों देशों की अन्य आर्थिक, व्यापार और वित्तीय एजेंसियों के प्रमुखों के स्तर पर भी 20 से ज्यादा बार मंत्रिस्तरीय बैठकें आयोजित की गई हैं.

कौन कर रहा साजिश?

रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर स्थिति को कैसे आसान बनाया जाए, इस पर सहमति बन गई है. उनको लगता है कि  इस आरआईसी तिकड़ी को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है. इतना ही नहीं रूसी विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि नाटो भारत को चीन विरोधी साजिशों में फंसाने की खुलेआम कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसमें उनको कोई संदेश नहीं है कि भारत इस बात को समझता है नाटो की इस बात को वह बड़े उकसावे के रूप में देखता है. 

कैसे बिगड़े भारत-चीन संबंध? 

बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद आरआईसी की बातचीत बंद हो गई थी. हालांकि अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक को नरमी के रूप में देखा गया था. उस दौरान दोनों ही नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर दिया था. 
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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