तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (फाइल फोटो)
उलनबटोर:
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की मेहमाननवाजी करने के लिए चीन का गुस्सा झेलने के बाद मंगोलिया ने कहा है कि वह तिब्बती धर्म गुरु को दोबारा देश का दौरा करने की इजाजत नहीं देगा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा कि मंगोलिया के विदेश मंत्री त्सेंद मुंख-ओर्गिल ने दलाई लामा को धार्मिक उद्देश्य के लिए भी देश के दौरे की इजाजत नहीं देने की बात कही है. मंगोलिया ने यह प्रतिक्रिया मंगलवार को जाहिर की.
बता दें कि चीन की कड़ी आपत्ति के बावजूद पिछले महीने दलाई लामा ने मंगोलिया का दौरा किया था और वहां के बौद्ध पुजारियों से मुलाकात की थी. चीन दलाई लामा पर तिब्बत में अलगाववादी गतिविधियां चलाने का आरोप लगाता रहा है.
बीते सप्ताह मंगोलिया ने कहा कि चीन ने एक प्रमुख सीमा चौकी बंद कर दी है जिससे ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हुई है. चीनी कदम को 'जैसे को तैसे' के रूप में देखा गया था. मंगोलियाई ट्रकों पर चीन द्वारा उच्च यातायात शुल्क लगाए जाने से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए मंगोलिया ने भारत से मदद मांगी थी.
गौरतलब है कि साल 1959 में तिब्बत से निकलने के बाद से दलाई लामा भारत में रह रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा कि मंगोलिया के विदेश मंत्री त्सेंद मुंख-ओर्गिल ने दलाई लामा को धार्मिक उद्देश्य के लिए भी देश के दौरे की इजाजत नहीं देने की बात कही है. मंगोलिया ने यह प्रतिक्रिया मंगलवार को जाहिर की.
बता दें कि चीन की कड़ी आपत्ति के बावजूद पिछले महीने दलाई लामा ने मंगोलिया का दौरा किया था और वहां के बौद्ध पुजारियों से मुलाकात की थी. चीन दलाई लामा पर तिब्बत में अलगाववादी गतिविधियां चलाने का आरोप लगाता रहा है.
बीते सप्ताह मंगोलिया ने कहा कि चीन ने एक प्रमुख सीमा चौकी बंद कर दी है जिससे ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हुई है. चीनी कदम को 'जैसे को तैसे' के रूप में देखा गया था. मंगोलियाई ट्रकों पर चीन द्वारा उच्च यातायात शुल्क लगाए जाने से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए मंगोलिया ने भारत से मदद मांगी थी.
गौरतलब है कि साल 1959 में तिब्बत से निकलने के बाद से दलाई लामा भारत में रह रहे हैं.
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