रियूनियन हिंद महासागर में बसा फ्रांस का एक हिस्सा है
सेंट डेनिस, रियूनियन:
हिंद महासागर द्वीप पर कथित तौर पर मिले लापता हवाई जहाज़ MH370 के मलबे की जांच कर रहे वैज्ञानिक निकोलस विनेन्यूव ने उस समय एक नई खोज कर डाली जब उन्हें पता चला कि इस द्वीप का ज्वालामुख़ी फटने वाला है।
रियूनियन द्वीप हिंदमहासागर में बसा, मैडागास्कर से 370 मील दूर फ्रांस का हिस्सा है और ये जगह उस वक्त़ सुर्खियों में आया जब वहां के समुद्र तट की सफाई करने वाले एक व्यक्ति को हवाईजहाज़ के पंख का एक हिस्सा फ्लैपरॉन, मलबे के रुप में मिला।
मलबे के इस टुकड़े को फ्रांस भेज दिया गया है जहां फॉरेंसिक विशेषज्ञ ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि ये टुकड़ा मार्च 2014 से लापता मलेशियाई विमान MH370 का है या नहीं। इस विमान में कुल 239 यात्री और क्रू-मेंबर सवार थे।
इस लापता विमान की खोज ओर वायुयान से जुड़ी दुनिया के इस सबसे बड़े रहस्य ने पूरी दुनिया का ध्यान रियूनियन द्वीप पर ला दिया।
पूरी दुनिया द्वारा दिए जा रहे इस इज्ज़त ने यहां रहने वाले 80 हज़ार लोगों को काफी खुश कर दिया है, क्योंकि उनके यहां अब तक जो सबसे बड़ी कहानियां होती थीं वे शार्क मछली और ज्वालामुखी से जुड़ी होती थीं।
दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखी 'द पितोन दे ला फोरनैसे' शुक्रवार सुबह 6 बजे फूटा, जिससे इसके क्रेटर में 800 मीटर तक की दरार पैदा हो गई और चारों तरफ गर्म लावे फैलने लगे।
यहां के निवासी विलेन्यूवे के अनुसार, 'हमने हवाई जहाज़ के बारे में सुना था लेकिन यहां हमारा अपना शोध चल रहा है।'
इस ज्वालामुखी का असर यहां रहने वाले लोगों और पर्यटकों पर नहीं पड़ता है, क्योंकि उन्हें समय रहते वहां से हटा दिया जाता है।
शार्क के हमले
रियूनियर टूरिस्ट बोर्ड और यहाँ के स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जिस तरह से MH370 का रहस्य सुलझाने के लिए इस द्वीप की तस्वीरें, यहाँ के ज्वालामुखी, समुद्र तट और साफ़ नीले पानी की तस्वीरें पूरी दुनिया में दिखाई जा रही हैं उससे यहां पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा।
रियूनियन द्वीप का विस्तार इंडोनेशिया के बाली द्वीप का आधा है और यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या मॉरिशस और मालदीव से काफी कम है। यहां बड़ी मात्रा में गन्ना, अदरक और अनन्नास उगते हैं।
रियूनियन द्वीप की ख़्याति साल 2005 में चिकुनगुनिया महामारी के फैलने और उसके बाद हाल ही में झुंड के झुंड बुल और टाईगर शार्क के हमले के कारण खराब हुआ है। ये वो कारण हैं जो पर्यटकों को डरा कर रखता है।
ये खूबसूरत द्वीप पहले पर्यटकों की पसंदीदा जगह होती थी लेकिन पिछले 4 साल में एक के बाद एक शार्क के 4 जानलेवा हमलों ने पर्यटकों को यहां आने से रोकने का काम किया है।
इसी साल अप्रैल महीने में एक 13 साल का लड़का पानी पर सर्फिंग करने के दौरान बुल शार्क के हमले में मारा गया था तब से यहां ज्य़ादा सुरक्षा की मांग की जाने लगी।
लेकिन लापता विमान MH370 की खोज का केंद्र फिर से फ्रांस पर केंद्रित होने जाने के कारण, अब रियूनियन पर ज्य़ादा ध्यान नहीं है। लेकिन यहां के लोगों को लगता है कि इस दौरान इस द्वीप को जो भी तवज्जो दी गई और ये चर्चा का विषय बना उससे इस द्वीप को मिलने वाला फायदा लंबे समय तक रहेगा।
स्थानीय निवासी जॉनी बीग़ के अनुसार, 'हमें उम्मीद है कि हमारा द्वीप एक ऐसी जगह के रुप में जाना जाएगा जिसने MH370 हादसे में लापता हुए लोगों के परिवारों के जीवन में शांति लाने की कोशिश की।
रियूनियन द्वीप हिंदमहासागर में बसा, मैडागास्कर से 370 मील दूर फ्रांस का हिस्सा है और ये जगह उस वक्त़ सुर्खियों में आया जब वहां के समुद्र तट की सफाई करने वाले एक व्यक्ति को हवाईजहाज़ के पंख का एक हिस्सा फ्लैपरॉन, मलबे के रुप में मिला।
मलबे के इस टुकड़े को फ्रांस भेज दिया गया है जहां फॉरेंसिक विशेषज्ञ ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि ये टुकड़ा मार्च 2014 से लापता मलेशियाई विमान MH370 का है या नहीं। इस विमान में कुल 239 यात्री और क्रू-मेंबर सवार थे।
इस लापता विमान की खोज ओर वायुयान से जुड़ी दुनिया के इस सबसे बड़े रहस्य ने पूरी दुनिया का ध्यान रियूनियन द्वीप पर ला दिया।
पूरी दुनिया द्वारा दिए जा रहे इस इज्ज़त ने यहां रहने वाले 80 हज़ार लोगों को काफी खुश कर दिया है, क्योंकि उनके यहां अब तक जो सबसे बड़ी कहानियां होती थीं वे शार्क मछली और ज्वालामुखी से जुड़ी होती थीं।
दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखी 'द पितोन दे ला फोरनैसे' शुक्रवार सुबह 6 बजे फूटा, जिससे इसके क्रेटर में 800 मीटर तक की दरार पैदा हो गई और चारों तरफ गर्म लावे फैलने लगे।
यहां के निवासी विलेन्यूवे के अनुसार, 'हमने हवाई जहाज़ के बारे में सुना था लेकिन यहां हमारा अपना शोध चल रहा है।'
इस ज्वालामुखी का असर यहां रहने वाले लोगों और पर्यटकों पर नहीं पड़ता है, क्योंकि उन्हें समय रहते वहां से हटा दिया जाता है।
शार्क के हमले
रियूनियर टूरिस्ट बोर्ड और यहाँ के स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जिस तरह से MH370 का रहस्य सुलझाने के लिए इस द्वीप की तस्वीरें, यहाँ के ज्वालामुखी, समुद्र तट और साफ़ नीले पानी की तस्वीरें पूरी दुनिया में दिखाई जा रही हैं उससे यहां पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा।
रियूनियन द्वीप का विस्तार इंडोनेशिया के बाली द्वीप का आधा है और यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या मॉरिशस और मालदीव से काफी कम है। यहां बड़ी मात्रा में गन्ना, अदरक और अनन्नास उगते हैं।
रियूनियन द्वीप की ख़्याति साल 2005 में चिकुनगुनिया महामारी के फैलने और उसके बाद हाल ही में झुंड के झुंड बुल और टाईगर शार्क के हमले के कारण खराब हुआ है। ये वो कारण हैं जो पर्यटकों को डरा कर रखता है।
ये खूबसूरत द्वीप पहले पर्यटकों की पसंदीदा जगह होती थी लेकिन पिछले 4 साल में एक के बाद एक शार्क के 4 जानलेवा हमलों ने पर्यटकों को यहां आने से रोकने का काम किया है।
इसी साल अप्रैल महीने में एक 13 साल का लड़का पानी पर सर्फिंग करने के दौरान बुल शार्क के हमले में मारा गया था तब से यहां ज्य़ादा सुरक्षा की मांग की जाने लगी।
लेकिन लापता विमान MH370 की खोज का केंद्र फिर से फ्रांस पर केंद्रित होने जाने के कारण, अब रियूनियन पर ज्य़ादा ध्यान नहीं है। लेकिन यहां के लोगों को लगता है कि इस दौरान इस द्वीप को जो भी तवज्जो दी गई और ये चर्चा का विषय बना उससे इस द्वीप को मिलने वाला फायदा लंबे समय तक रहेगा।
स्थानीय निवासी जॉनी बीग़ के अनुसार, 'हमें उम्मीद है कि हमारा द्वीप एक ऐसी जगह के रुप में जाना जाएगा जिसने MH370 हादसे में लापता हुए लोगों के परिवारों के जीवन में शांति लाने की कोशिश की।
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