न्यूजीलैंड के नजदीक स्थित द्वीपीय देश टोंगा (Tonga) के करीब समंदर में भयानक ज्वालामुखी विस्फोट (Undersea volcano eruption) हुआ है. इससे जापान और पश्चिमी अमेरिका में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है. ज्वालामुखी विस्पोट की वजह से प्रशांत महासागर में तटीय क्षेत्रों में चार फीट से ऊंची लहरें उठ कर तटों से टकरा रही हैं. विशाल लहरों को देखते हुए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है.
वैज्ञानिकों ने रविवार को कहा कि टोंगा के पास समंदर में पानी के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसे दुनिया भर में महसूस किया गया, भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से एक सुनामी की शुरुआत हुई है जिसकी वजह से जापान से लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रशांत तटीय इसलाकों में पानी भर गया है.
सैटेलाइट इमेजरी में दिखाया गया है कि अलास्का से 10,000 किलोमीटर (6,000 मील) की दूरी पर समंदर में हंगा टोंगा-हंगा हापाई ज्वालामुखी का विस्फोट भारी गर्जना के साथ हुआ है. इस विस्फोट से हवा में धुंआ और राख फैल गया.
The volcanic eruption in Tonga captured by #Himawari satellite..
— Raj Bhagat P #Mapper4Life (@rajbhagatt) January 15, 2022
Massive!???? pic.twitter.com/1qy4FJgpvM
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक शनिवार को हए ज्वालामुखीय विस्फोट की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता की भूकंप के बराबर था, जो को शून्य गहराई पर दर्ज किया गया. इस ज्वालामुखी विस्फोट से टोंगा में कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी नहीं लग सकी है क्योंकि वहां संचार लाइनें ठप हो चुकी हैं.
टोंगा की राजधानी नुकु'आलोफ़ा में तटों पर 1.2 मीटर (चार फुट) ऊंची लहरें सबकुछ बहाकर ले गईं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके घरों में बाढ़ आ गई और आकाश से गिरे छोटे पत्थरों और राख से उसकी संरचान को नुकासन पहुंचा है. स्थानीय लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर ऊंची जगह पर भागकर चले गए हैं.
ओटागो यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ जियोलॉजी के एक वरिष्ठ व्याख्याता और न्यूजीलैंड के वैज्ञानिक मार्को ब्रेनना ने इस ज्वालामुखी विस्फोट के प्रभाव को "अपेक्षाकृत हल्का" बताया है लेकिन कहा कि एक और विस्फोट से इंकार नहीं किया जा सकता है, जिसका प्रभाव बहुत भयानक हो सकता है.
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