पेशावर में एक स्कूल पर तालिबान के आत्मघाती हमले में 140 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद गहरे शोक में डूबे पाकिस्तान में आज तीन दिन का राष्ट्रीय शोक शुरू हुआ और हादसे में मरने वालों को सामूहिक रूप से दफनाया गया।
दुनिया को झकझोर देने वाली इस घटना के चलते अशांत खैबर पख्तूनख्वाह में सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहे। पेशावर इसी प्रांत की राजधानी है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा घोषित तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की वजह से पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। शेष देश में ज्यादातर स्कूल खुले, जहां सुबह की सभा में मौन रखकर मृतकों को याद किया गया। इस्लामाबाद और रावलपिंडी सहित विभिन्न शहरों में लोगों ने हमले की निंदा करने और पीड़ित परिजनों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए कैंडल मार्च निकाला।
मृतकों को सामूहिक रूप से दफनाया जा रहा है और सभी तबकों के लोगों ने हमले की निंदा की और राजनीतिक नेताओं ने भी आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने के लिए एकजुटता दिखाई।
नमाज-ए-जनाजा में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। तालिबान ने कहा कि यह हमला अफगानिस्तान की सीमा से सटे उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में उसके ठिकानों पर सैन्य अभियान का बदला है। हमले की जिम्मेदारी लेने वाले तहरीक-ए-तालिबान के करीबी सहयोगियों ने भी इस कृत्य की निंदा की है।
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि उनके संगठन की पीड़ितों के प्रति सहानुभूति है। इन आतंकवादियों ने पाकिस्तान में हमलों पर विगत में कभी-कभार ही बयान जारी किया है। मुल्ला फजलुल्ला के नेतृत्व वाले पाकिस्तान तालिबान के आतंकवादी अफगान तालिबान के प्रमुख मुल्ला उमर को अपना सर्वोच्च नेता मानते हैं।
पेशावर में मंगलवार को एक सैनिक स्कूल पर आतंकवादियों के बर्बर हमले में 132 छात्रों सहित कम से कम 141 लोग मारे गए थे।
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