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साउथ कोरिया के राष्ट्रपति पर कुछ घंटे के लिए क्यों आ गई किम जोंग की 'आत्मा'!

दक्षिण कोरिया में लगाए गए मार्शल लॉ को अब वापस ले लिया गया है. इस लॉ को लागू करने की घोषणा के बाद से ही राष्ट्रपति यून का जमकर विरोध हो रहा था. दक्षिण कोरियाई लोग उनकी तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग से करने लगे थे.

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति पर कुछ घंटे के लिए क्यों आ गई किम जोंग की 'आत्मा'!
दक्षिण कोरिया में लगाए गए मार्शल लॉ को अब वापस ले लिया गया है
नई दिल्ली:

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कल (मंगलवार को) विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए देश में 'इमरजेंसी मार्शल ला'को लगाने की घोषणा कर दी. मार्शल लॉ को लागू करने के पीछे विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और देश विरोधी गतिविधियों से सरकार को गिराने की कोशिश करने जैसे तर्क दिए थे. दक्षिण कोरिया के लोकतांत्रित इतिहास में ये पहली बार हो रहा था जब किसी राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ को लागू करने का फरमान सुनाया. हालांकि, कुछ घंटो बाद ही इसे वापस भी ले लिया गया. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन सामने आए. कुछ लोगों ने कहा कि ऐसा लगता है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के अंदर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की आत्मा आ गई है. दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू करने के बाद सोशल मीडिया इस तरह का यह कोई पहला रिएक्शन नहीं था. 

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क्या किम जोंग बन गए हैं राष्ट्रपति यून सुक योल

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर जेलफामिनस नाम के एक यूजर ने लिखा कि कुछ समय के लिए ऐसे लगा जैसे राष्ट्रपति यून सुक योल के अंदर किम जोंग की आत्मा आ गई है. और वह उनकी तरह ही फैसले लेने लगे हैं.

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'किम जोंग का एजेंडा लागू करने के लिए बधाई'

गोयोपोसेरफा नाम के एक यूजर ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के इस फैसले को किम जोंग के एजेंडे को लागू करने जैसा बताया. उन्होंने लिखा कि गुड वर्क एजेंट यून.ग्लोबोहोमो में अपनी सेवा देने के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी आपका शुक्रिया अदा करता है.

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किंग जोंग की हस्ते हुए तस्वीर की पोस्ट

एक यूजर ने तो उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की एक फोटो साझा की. इस फोटो में किम जोंग दूरबीन से देखते हुए हंसते हुए दिख रहे हैं. इस यूजर ने आगे लिखा कि साउथ कोरिया पर नजर बनाए हुए हैं.

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आखिर दक्षिण कोरिया में हुआ क्या?  

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कल विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए देश में 'इमरजेंसी मार्शल लॉ'को लगाने की घोषणा कर दी. मार्शल लॉ को लागू करने के पीछे विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और देश विरोधी गतिविधियों से सरकार को गिराने की कोशिश करने जैसे तर्क दिए थे.

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दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ को लागू करने की घोषणा राष्ट्रपति योल ने अपने एक संबोधन से दी. उन्होंने इस दौरान कहा कि दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों द्वारा उत्पन्न खतरों से बचाने और देश विरोधी ताकतों को खत्म करने के लिए मैं इमरजेंसी मार्शल लॉ की घोषणा करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि इस लॉ को लागू करना देश की स्वतंत्रता और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए अहम है. नए मार्शल लॉ कमांडर,सेना प्रमुख जनरल पार्क एन-सू के छह-सूत्री आदेश के तुरंत बाद,राजनीतिक गतिविधियों और पार्टियों,झूठे प्रचार, हड़तालों और सामाजिक अशांति को भड़काने वाली सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इस आदेश ने सभी मीडिया आउटलेट्स को मार्शल लॉ के अधिकार में ला दिया और हड़ताली डॉक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मचारियों को 48 घंटे के भीतर काम पर लौटने का निर्देश दिया.

संसद में क्या कुछ हुआ? 

इस घोषणा के बाद सांसदों को संसद के अंदर जाने से रोकने के लिए संसद भवन पर और अधिक सुरक्षा बलों ने नेशनल असेंबली को सील कर दिया, छत पर हेलीकॉप्टर उतारे गए और सैनिकों ने कुछ समय के लिए इमारत में प्रवेश किया.लेकिन इन सब के बावजूद भी 190 सांसद अंदर घुसने में कामयाब रहे और सर्वसम्मति से राष्ट्रपति यून की घोषणा को खारिज कर दिया. इन सांसदों ने अपनी आवाज उठाते हुए तुरंत मार्शल लॉ को हटाने की मांग की.मार्शल लॉ के खिलाफ संसद के बाहर भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए जो राष्ट्रपति की ही गिरफ्तारी की मांग करने लगे. 

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इसके बाद अब क्या हुआ?

मार्शल लॉ को लागू करने को लेकर सांसदों ने इस फैसले के खिलाफ वोटिंग की. इस वोटिंग के बाद राष्ट्रपति यून पीछे हट गए. योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि उनके मंत्रिमंडल ने आदेश को हटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति यून ने सुबह साढ़े चार बजे अपने एक संबोधन में कहा कि अभी कुछ ही समय पहले, नेशनल असेंबली से आपातकाल हटाने की मांग की गई थी, और हमने मार्शल लॉ ऑपरेशन के लिए तैनात सेना को वापस बुला लिया है. दक्षिण कोरिया के संविधान के तहत मार्शल लॉ हटाने के लिए संसदीय वोट का सम्मान किया जाना चाहिए.

यून ने ऐसा क्यों किया? 

राष्ट्रपति यून ने कहा कि वह अपने देश के उदार लोकतंत्र को "राज्य विरोधी तत्वों" और "उत्तर कोरिया द्वारा उत्पन्न खतरों" से बचाने के लिए काम कर रहे थे, लेकिन उन्होंने बहुत कम विवरण दिया.अप्रत्याशित होने के बावजूद,यह घोषणा यून और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच बजट विवाद के संदर्भ में की गई.विपक्ष ने अगले वर्ष के लिए यून के प्रस्तावित 677 ट्रिलियन वॉन बजट में से लगभग 4.1 ट्रिलियन वॉन ($2.8 बिलियन) की कटौती की है, जिसके कारण राष्ट्रपति ने शिकायत की है कि राष्ट्र के मुख्य कार्यों के लिए आवश्यक सभी प्रमुख बजट में कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि यून एक बेहद अलोकप्रिय, अप्रभावी नेता रहे हैं और उन्हें जो कुछ भी करने की कोशिश कर रहे हैं. उसके लिए किसी भी तरह का सार्वजनिक समर्थन पाने में कठिनाई हो रही है. एलन यू (एशिया में एक पूर्व अमेरिकी राजनयिक जो अब सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में हैं) ने कहा कि मार्शल लॉ का उपयोग राजनीतिक और नीतिगत दोनों ही दृष्टि से, बाहर निकलने की कोशिश करने की हताशापूर्ण चाल की तरह लगता है, लेकिन यह वास्तव में दोनों मोर्चों पर खराब तरीके से खेला गया है.

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राष्ट्रपति यून के सामने अब क्या है विकल्प

राष्ट्रपति यून पर देर रात की धमाकेदार घटना के बाद दबाव और बढ़ गया है.दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने यून पर "विद्रोह" का आरोप लगाते हुए पद छोड़ने की मांग की है.देश के मुख्य श्रमिक संघ समूह ने भी तर्कहीन और लोकतंत्र विरोधी कदम के कारण उनके इस्तीफा देने तक अनिश्चितकालीन आम हड़ताल का आह्वान किया है.यून की अपनी पीपुल पावर पार्टी ने मार्शल लॉ लागू करने के उनके प्रयास को दुखद बताया और मांग की कि इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए. 

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