इस्लामाबाद:
पाकिस्तान स्थित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पैतृक गांव के निवासियों की शिकायत है कि प्रशासन पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के शासनकाल में शुरू किए गए विकास कार्यों को अब समर्थन नहीं कर रहा है। पंजाव प्रांत के चकवाल जिला स्थित गाह बेगल का डॉ सिंह के साथ संबंध के चलते मुशर्रफ के शासनकाल में हालांकि काफी विकास हुआ, लेकिन वहां के निवासियों को अभी भी बिजली और घरेलू गैस की सुविधा नहीं मिल पाई है। समाचार पत्र 'डॉन' के अनुसार मुशर्रफ के शासनकाल में गाह बेगल को आदर्श गांव घोषित कर दिया गया था, लेकिन वहां के निवासियों का कहना है कि पूर्व में शुरू किए गए विकास कार्य वर्तमान में ठप पड़ गए हैं। उस समय गांव में बालकों और बालिकाओं के लिए अलग-अलग स्कूल, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पशु अस्पताल विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार राशि आवंटित होने के बावजूद स्कूल की इमारत आधी बनी है, जबकि पशु चिकित्सालय और प्रशिक्षण केंद्र कर्मचारियों की कमी के चलते शुरू नहीं हो पा रहा है। पाकिस्तानी प्रशासन की ओर से गांव को नजरअंदाज करने की तुलना गांव को विकसित करने के लिए भारतीय संगठनों की ओर से किए गए विकास कार्यों से की जा रही है। भारत स्थित ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के निर्देश पर गांव का दौरा किया और वहां सौर स्ट्रीट लाइटें, सौर गीजर, गोबर गैस संयंत्र और सार्वजनिक खाना बनाने के लिए सूखी लकड़ी से गैस बनाने वाली प्रणाली लगाई। इसके साथ ही अधिकारियों ने गांव के सभी परिवारों को सौर से चलनी वाली लैंप वितरित किए, जबकि भारतीय इंजीनियरों ने गांव के छोटी मस्जिद में गीजर लगाई। जबकि पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने गांव में वैकल्पिक ऊर्जा योजना स्थापित करने के लिए कोई भूमिका नहीं निभाई तथा स्थानीय प्रशासन ने लकड़ी से गैस बनाने वाली खराब पड़ी प्रणाली को ठीक करने के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई। पूर्व नाजिम (महापौर) राजा आशिक हुसैन ने डॉ सिंह की ओर से उर्दू में लिखा और हस्ताक्षर किया गया एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने पैतृक गांव के लिए विकास योजनाओं के बारे में लिखा है। हुसैन ने भारत में स्थानीय प्रशासन का कामकाज देखने के लिए पाकिस्तान के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां की यात्रा की। उन्होंने मुशर्रफ के शासनकाल में दोनों देशों के अच्छे संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल गाह गांव का दौरा करता था।
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