
डरबन:
पांचवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका पहुंचा भारतीय प्रतिनिधिमंडल चीन के नवनियुक्त राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुलाकात की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है तथा उन्हें आशा है कि इस बैठक से भारत-चीन सम्बंधों को नया आधार मिलेगा।
तय योजना के अनुसार मनमोहन सिंह शिखर सम्मेलन के आखिर में बुधवार की शाम शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। भारत के पड़ोसी चीन की सत्ता पर हाल ही में काबिज शी की राष्ट्रपति बनने के बाद मनमोहन से यह पहली मुलाकात होगी।
शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार की सुबह दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर के लिए उड़ान भरने से ठीक पहले मनमोहन ने कहा, "मैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपगि से मुलाकात के बारे में सोच रहा हूं।" दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों के बीच फोन पर पहले ही बात हो चुकी है।
मनमोहन ने कहा, "मेरे लिए यह न सिर्फ चीनी राष्ट्रपति को व्यक्तिगत रूप से मुबारकबाद देने का अवसर होगा बल्कि दोनों राष्ट्रों के बीच सकारात्मक सम्बंधों को बनाए रखने तथा इसके बाद द्विपक्षीय सम्बंधों के आधार पर सम्बंधों को और मजबूत बनाने के लिए आपस में बातचीत करने का भी अवसर होगा।"
पूछे जाने पर कि बुधवार को दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों की मुलाकात के लिए क्या कोई एजेंडा निर्धारित किया गया है, अधिकारियों ने कहा कि दोनों के बीच बैठक में होने वाली बातचीत का पहले से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
एक वरिष्ठ भारतीय वार्ताकार ने कहा, "आप दोनों नेताओं के बीच किसी समझौते के होने की उम्मीद नहीं कर सकते। दोनों नेताओं की मुलाकात से हमें आशा करनी चाहिए कि वे हमें आगे होने वाली कार्रवाइयों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इसके बाद का सारा कार्य हमारा है, उनके मार्गदर्शन के अनुसार काम करने का।"
हालांकि उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से भारत तथा चीन के बीच समझौतों में इजाफा हुआ है, और जिसकी दोनों देशों को आवश्यकता भी है।
अधिकारी ने कहा कि अब दोनों देशों को अपने सम्बंधों को मजबूत करने की जरूरत का अहसास हो चुका है।
तय योजना के अनुसार मनमोहन सिंह शिखर सम्मेलन के आखिर में बुधवार की शाम शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। भारत के पड़ोसी चीन की सत्ता पर हाल ही में काबिज शी की राष्ट्रपति बनने के बाद मनमोहन से यह पहली मुलाकात होगी।
शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार की सुबह दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर के लिए उड़ान भरने से ठीक पहले मनमोहन ने कहा, "मैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपगि से मुलाकात के बारे में सोच रहा हूं।" दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों के बीच फोन पर पहले ही बात हो चुकी है।
मनमोहन ने कहा, "मेरे लिए यह न सिर्फ चीनी राष्ट्रपति को व्यक्तिगत रूप से मुबारकबाद देने का अवसर होगा बल्कि दोनों राष्ट्रों के बीच सकारात्मक सम्बंधों को बनाए रखने तथा इसके बाद द्विपक्षीय सम्बंधों के आधार पर सम्बंधों को और मजबूत बनाने के लिए आपस में बातचीत करने का भी अवसर होगा।"
पूछे जाने पर कि बुधवार को दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों की मुलाकात के लिए क्या कोई एजेंडा निर्धारित किया गया है, अधिकारियों ने कहा कि दोनों के बीच बैठक में होने वाली बातचीत का पहले से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
एक वरिष्ठ भारतीय वार्ताकार ने कहा, "आप दोनों नेताओं के बीच किसी समझौते के होने की उम्मीद नहीं कर सकते। दोनों नेताओं की मुलाकात से हमें आशा करनी चाहिए कि वे हमें आगे होने वाली कार्रवाइयों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इसके बाद का सारा कार्य हमारा है, उनके मार्गदर्शन के अनुसार काम करने का।"
हालांकि उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से भारत तथा चीन के बीच समझौतों में इजाफा हुआ है, और जिसकी दोनों देशों को आवश्यकता भी है।
अधिकारी ने कहा कि अब दोनों देशों को अपने सम्बंधों को मजबूत करने की जरूरत का अहसास हो चुका है।
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