न्यूयॉर्क:
नई दिल्ली से अमेरिका के टेक्सास तक लगभग 10 साल तक एक युवती का पीछा करने वाले भारतीय मूल के 32-वर्षीय व्यक्ति जितेंद्र सिंह को अमेरिका में 19 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
कॉलिन काउंटी के जिला अटॉर्नी ग्रेग विलिस ने बुधवार को अपने फैसले में कहा, "ज्यूरी ने पीड़िता के एक दशक से चले आ रहे पीछा किए जाने वाले बुरे सपने का अंत कर दिया है..." अधिकारियों ने पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की।
पहली बार कॉलेज में मिला था पीड़िता से, शादी का प्रस्ताव भी दिया...
विलिस के अनुसार, सिंह की मुलाकात पीड़िता से सबसे पहले दिल्ली में कॉलेज में पढ़ने के दौरान हुई थी। वे दोनों सिर्फ सहपाठी थे, लेकिन फिर भी सिंह ने वर्ष 2006 में पीड़िता से शादी के लिए कहा। विलिस के अनुसार, पीड़िता ने शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिससे सिंह का गुस्सा भड़क गया, और उसने पीड़िता का घर तक पीछा करना शुरू कर दिया और जब तक वह स्नातक नहीं हो गई, वह उसे धमकाता रहा।
पीड़िता ने 2007 में छोड़ दिया था भारत...
वर्ष 2007 में, पीड़िता ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए भारत छोड़ दिया, लेकिन इससे सिंह की सनक खत्म नहीं हुई। अधिकारियों का कहना है कि सिंह ने भारत में पीड़िता के पिता को प्रताड़ित और उत्पीड़ित किया। सिंह को भारत में कई अपराधों के लिए दोषी करार दिया गया था, लेकिन उसने अधिकारियों से अपील और समझौता किया था कि वह पीड़िता से दूर रहेगा।
पीछा करते हुए सिंह भी पहुंच गया अमेरिका...
बाद में सिंह भी न्यूयॉर्क चला गया और वहां उसने उसी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की कोशिश की, जहां पीड़िता पढ़ती थी। उसे प्रवेश नहीं दिया गया और विश्वविद्यालय ने उसे परिसर से दूर रहने का आदेश भी दिया। लेकिन जब पीड़िता एक इन्टर्नशिप के लिए कैलिफोर्निया गई तो उसने उसके निवास स्थान का पता लगा लिया और पीछा किया। जब महिला न्यूयॉर्क लौटकर आई तो भी सिंह पीछे आ गया।
तीन साल तक फोन करके धमकाता रहा पीड़िता को...
सूचना प्रौद्योगिकी की एक कंपनी ने पीड़िता को नियुक्त किया तो वह वर्ष 2011 में प्लेनो चली गई। विलिस ने आरोप लगाया कि वर्ष 2011 और 2014 के बीच सिंह ने फोन कॉल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पीड़िता को परेशान किया। वर्ष 2014 में सिंह ने पीड़िता के नाम से एक फर्जी क्रेडिट मॉनिटरिंग सर्विस अकाउंट बनाया और प्लेनो में उसके निवास स्थान का पता लगा लिया।
तलाश कर लिया घर, और घुस गया भीतर...
सिंह प्लेनो पहुंच गया और एक दिन जब पीड़िता घर पर नहीं थी, तो वह ताला बनाने वाले किसी व्यक्ति को मनाकर पीड़िता के घर का ताला खुलवाकर अंदर घुस गया। सिंह ने पीड़िता का पासपोर्ट, सामाजिक सुरक्षा कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ-साथ उसके कई जेवर भी उठा लिए।
पुलिस ने घर से किया गिरफ्तार...
इसी दौरान एक पड़ोसी ने प्लेनो पुलिस को फोन कर दिया, जिसने पीड़िता के अपार्टमेंट के पार्किंग क्षेत्र में सिंह का पता लगा लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कॉलिन काउंटी के जिला अटॉर्नी ग्रेग विलिस ने बुधवार को अपने फैसले में कहा, "ज्यूरी ने पीड़िता के एक दशक से चले आ रहे पीछा किए जाने वाले बुरे सपने का अंत कर दिया है..." अधिकारियों ने पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की।
पहली बार कॉलेज में मिला था पीड़िता से, शादी का प्रस्ताव भी दिया...
विलिस के अनुसार, सिंह की मुलाकात पीड़िता से सबसे पहले दिल्ली में कॉलेज में पढ़ने के दौरान हुई थी। वे दोनों सिर्फ सहपाठी थे, लेकिन फिर भी सिंह ने वर्ष 2006 में पीड़िता से शादी के लिए कहा। विलिस के अनुसार, पीड़िता ने शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिससे सिंह का गुस्सा भड़क गया, और उसने पीड़िता का घर तक पीछा करना शुरू कर दिया और जब तक वह स्नातक नहीं हो गई, वह उसे धमकाता रहा।
पीड़िता ने 2007 में छोड़ दिया था भारत...
वर्ष 2007 में, पीड़िता ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए भारत छोड़ दिया, लेकिन इससे सिंह की सनक खत्म नहीं हुई। अधिकारियों का कहना है कि सिंह ने भारत में पीड़िता के पिता को प्रताड़ित और उत्पीड़ित किया। सिंह को भारत में कई अपराधों के लिए दोषी करार दिया गया था, लेकिन उसने अधिकारियों से अपील और समझौता किया था कि वह पीड़िता से दूर रहेगा।
पीछा करते हुए सिंह भी पहुंच गया अमेरिका...
बाद में सिंह भी न्यूयॉर्क चला गया और वहां उसने उसी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की कोशिश की, जहां पीड़िता पढ़ती थी। उसे प्रवेश नहीं दिया गया और विश्वविद्यालय ने उसे परिसर से दूर रहने का आदेश भी दिया। लेकिन जब पीड़िता एक इन्टर्नशिप के लिए कैलिफोर्निया गई तो उसने उसके निवास स्थान का पता लगा लिया और पीछा किया। जब महिला न्यूयॉर्क लौटकर आई तो भी सिंह पीछे आ गया।
तीन साल तक फोन करके धमकाता रहा पीड़िता को...
सूचना प्रौद्योगिकी की एक कंपनी ने पीड़िता को नियुक्त किया तो वह वर्ष 2011 में प्लेनो चली गई। विलिस ने आरोप लगाया कि वर्ष 2011 और 2014 के बीच सिंह ने फोन कॉल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पीड़िता को परेशान किया। वर्ष 2014 में सिंह ने पीड़िता के नाम से एक फर्जी क्रेडिट मॉनिटरिंग सर्विस अकाउंट बनाया और प्लेनो में उसके निवास स्थान का पता लगा लिया।
तलाश कर लिया घर, और घुस गया भीतर...
सिंह प्लेनो पहुंच गया और एक दिन जब पीड़िता घर पर नहीं थी, तो वह ताला बनाने वाले किसी व्यक्ति को मनाकर पीड़िता के घर का ताला खुलवाकर अंदर घुस गया। सिंह ने पीड़िता का पासपोर्ट, सामाजिक सुरक्षा कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ-साथ उसके कई जेवर भी उठा लिए।
पुलिस ने घर से किया गिरफ्तार...
इसी दौरान एक पड़ोसी ने प्लेनो पुलिस को फोन कर दिया, जिसने पीड़िता के अपार्टमेंट के पार्किंग क्षेत्र में सिंह का पता लगा लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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