- मलेशिया में अगले साल से 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर बैन लगाने की योजना.
- इस कदम का उद्देश्य बच्चों को ऑनलाइन डराने धमकाने और यौन शोषण जैसे खतरों से बचाना है.
- कम्युनिकेशन मंत्री फहमी फजिल ने बताया कि सरकार ऑस्ट्रेलिया के ऑनलाइन आयु-सीमा नियमों का अध्ययन कर रही है.
मलेशिया साल 2026 से 16 वर्ष से कम आयु के लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट को बैन करने की योजना बना रहा है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया इस तरह का कदम उठा चुका है. मलेशिया की सरकार का कहना है कि यह कदम बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी को सख्त करने की दिशा में उठाया जा रहा है. देश के कम्युनिकेशन मिनिस्टर की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है. इस साल अक्टूबर में ही कई सांसदों ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर बैन लगाने के सरकार के प्लान का सपोर्ट किया था. साथ ही अकाउंट रजिस्टर करते समय यूजर्स की उम्र वेरिफाई करने के लिए सही सिस्टम की मांग की थी.
बाकी देश क्या तरीका अपना रहे
कम्युनिकेशन मिनिस्टर फहमी फजिल ने रविवार को कहा कि सरकार यह देख रही है कि ऑस्ट्रेलिया और बाकी देश ऑनलाइन आयु-सीमा लागू करने को लेकर क्या तरीके अपना रहे हैं. फजिल ने मलेशियाई दैनिक द स्टार की तरफ से ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकार के इस फैसले का पालन करेंगे कि 16 साल से कम उम्र के लोग सोशल मीडिया अकाउंट नहीं खोल सकेंगे.'
क्या है इसका मकसद
फादजिल के अनुसार कैबिनेट ने युवाओं को ऑनलाइन तौर पर डराने धमकाने, धोखाधड़ी और यौन शोषण जैसे खतरों से बचाने के बड़े स्तर के प्रयासों के तहत इस कदम को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों द्वारा अपनाए गए तरीकों का अध्ययन कर रही है. साथ ही इस पर भी नजर रखी जा रही है कि क्या आईडी कार्ड या पासपोर्ट के माध्यम से यूजर्स की उम्र की इलेक्ट्रॉनिक जांच की जा सकती है.
अभी देश में कितने यूजर्स
फादजिल के मुताबिक, 'मेरा मानना है कि यदि सरकार, नियामक संस्थाएं और अभिभावक अपनी भूमिका निभाएं, तो हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मलेशिया में इंटरनेट न सिर्फ तेज, व्यापक और सस्ता हो, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सुरक्षित हो, खासकर बच्चों और परिवारों के लिए. जनवरी से, मलेशिया में सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है. देश में कम से कम 80 लाख यूजर्स हैं. यह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सरकारी निगरानी को सख्त करने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
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