प्रतीकात्मक तस्वीर...
वाशिंगटन:
जम्मू-कश्मीर के हिमालय पर्वतों की हालिया भौगोलिक मैपिंग में कहा गया है कि राज्य में रिक्टर पैमाने पर आठ या इससे ज्यादा तीव्रता का भीषण भूकंप आ सकता है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं।
वैज्ञानिकों को जम्मू-कश्मीर में रियासी फॉल्ट के बारे में पता है, लेकिन उन्होंने दूसरे सक्रिय 'फॉल्ट सिस्टम्स' की वजह से इसे खतरे के रूप में नहीं देखा था।
हालांकि पाक अधिकृत कश्मीर के बालकोट-बाग फॉल्ट में वर्ष 2005 में आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद शोधकर्ताओं ने क्षेत्र के अन्य फॉल्ट सिस्टम्स की जांच शुरू कर दी थी। वर्ष 2005 के भूकंप से पहले बालकोट-बाग फॉल्ट को भी खतरनाक नहीं माना जाता था।
वैज्ञानिकों ने पाया कि रियासी फॉल्ट ने कुछ समय से दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि जब वह इस दबाव को छोड़ता है तो परिणामस्वरूप आने वाला भूकंप भीषण हो सकता है, जिसकी तीव्रता आठ या इससे ऊपर हो सकती है।
अमेरिका के ओरेगन स्टेट विश्वविद्यालय में शोधार्थी के रूप में काम कर चुके इस अध्ययन के प्रमुख लेखक यान गेविलट ने कहा, 'हमने यह जानने की कोशिश की कि फॉल्ट पिछले दस हजार साल में कितना हटा है। इसके हटने पर इसके विभिन्न हिस्से किस तरह हिले हैं?' उन्होंने कहा, 'हमने पाया कि रियासी फॉल्ट कश्मीर में पड़ने वाले मुख्य सक्रिय फॉल्ट्स में से एक है, लेकिन हालिया भौगोलिक रिकॉर्ड के अनुसार, भूकंप नहीं आए हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
वैज्ञानिकों को जम्मू-कश्मीर में रियासी फॉल्ट के बारे में पता है, लेकिन उन्होंने दूसरे सक्रिय 'फॉल्ट सिस्टम्स' की वजह से इसे खतरे के रूप में नहीं देखा था।
हालांकि पाक अधिकृत कश्मीर के बालकोट-बाग फॉल्ट में वर्ष 2005 में आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद शोधकर्ताओं ने क्षेत्र के अन्य फॉल्ट सिस्टम्स की जांच शुरू कर दी थी। वर्ष 2005 के भूकंप से पहले बालकोट-बाग फॉल्ट को भी खतरनाक नहीं माना जाता था।
वैज्ञानिकों ने पाया कि रियासी फॉल्ट ने कुछ समय से दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि जब वह इस दबाव को छोड़ता है तो परिणामस्वरूप आने वाला भूकंप भीषण हो सकता है, जिसकी तीव्रता आठ या इससे ऊपर हो सकती है।
अमेरिका के ओरेगन स्टेट विश्वविद्यालय में शोधार्थी के रूप में काम कर चुके इस अध्ययन के प्रमुख लेखक यान गेविलट ने कहा, 'हमने यह जानने की कोशिश की कि फॉल्ट पिछले दस हजार साल में कितना हटा है। इसके हटने पर इसके विभिन्न हिस्से किस तरह हिले हैं?' उन्होंने कहा, 'हमने पाया कि रियासी फॉल्ट कश्मीर में पड़ने वाले मुख्य सक्रिय फॉल्ट्स में से एक है, लेकिन हालिया भौगोलिक रिकॉर्ड के अनुसार, भूकंप नहीं आए हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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