काठमांडू:
नेपाल के नए संविधान में बदलाव की मांग को लेकर लगभग तीन महीनों के हिंसक आंदोलन के बाद मधेसियों ने बुधवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के काफिले पर हमला कर दिया और एक प्रसिद्ध मंदिर पर पेट्रोल बम फेंका, जिसमें राष्ट्रपति गई थीं। अधिकारियों के अनुसार, यह घटना यहां से लगभग 120 किमी दूर जनकपुर में घटी है।
नए संविधान का कर रहे हैं विरोध
तराई क्षेत्र की चार पार्टियों के गठबंधन 'मधेसी मोर्चा' के कार्यकर्ता सितम्बर में लागू हुए नवनिर्मित संविधान का विरोध कर रहे थे। मोर्चा ने राष्ट्रपति के दौरे का विरोध करने का निश्चय किया था, जो सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल पार्टी की हैं। पुलिस ने बताया कि मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता राष्ट्रपति के दौरे का विरोध करने के लिए जनकपुर की सड़कों पर उतर आए और उनमें से कई ने काले झंडे लहराए। उन्होंने राष्ट्रपति के कारों के काफिले पर पथराव किया और उनके वाहन को निशाना बनाया, लेकिन नेपाली सेना ने तत्काल उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
मंदिर में करीब 10 मिनट रहीं विद्या देवी भंडारी
पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए दर्जनों आंसू गैस के गोले छोड़े। राष्ट्रपति ने मीडिया को एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'मिथिला और जनकपुर में मेरी गहरी श्रद्धा है।' भंडारी मंदिर में लगभग 10 मिनट रहीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेश शाह ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। भारतीय राजदूत रंजीत राय भी मंदिर जाने वाले थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्होंने कार्यक्रम रद्द कर दिया। भंडारी को अक्टूबर में नेपाल का राष्ट्रपति चुना गया था।
नए संविधान का कर रहे हैं विरोध
तराई क्षेत्र की चार पार्टियों के गठबंधन 'मधेसी मोर्चा' के कार्यकर्ता सितम्बर में लागू हुए नवनिर्मित संविधान का विरोध कर रहे थे। मोर्चा ने राष्ट्रपति के दौरे का विरोध करने का निश्चय किया था, जो सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल पार्टी की हैं। पुलिस ने बताया कि मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता राष्ट्रपति के दौरे का विरोध करने के लिए जनकपुर की सड़कों पर उतर आए और उनमें से कई ने काले झंडे लहराए। उन्होंने राष्ट्रपति के कारों के काफिले पर पथराव किया और उनके वाहन को निशाना बनाया, लेकिन नेपाली सेना ने तत्काल उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
मंदिर में करीब 10 मिनट रहीं विद्या देवी भंडारी
पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए दर्जनों आंसू गैस के गोले छोड़े। राष्ट्रपति ने मीडिया को एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'मिथिला और जनकपुर में मेरी गहरी श्रद्धा है।' भंडारी मंदिर में लगभग 10 मिनट रहीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेश शाह ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। भारतीय राजदूत रंजीत राय भी मंदिर जाने वाले थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्होंने कार्यक्रम रद्द कर दिया। भंडारी को अक्टूबर में नेपाल का राष्ट्रपति चुना गया था।
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