अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की फाइल फोटो (रायटर्स)
वाशिंगटन:
व्हाइट हाउस ने कहा है अगले हफ्ते अमेरिका आने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा द्विपक्षीय संबंधों की चिरकालिक प्रकृति को दर्शाती है। वहीं शीर्ष विशेषज्ञों का कहना है कि इस यात्रा से उन्हें बेहद कम उम्मीदें हैं।
मौजूदा कार्यकाल में दूसरी वाशिंगटन जा रहे हैं नवाज
राष्ट्रपति बराक ओबामा 22 अक्तूबर को व्हाइट हाउस में आयोजित एक बैठक में शरीफ की मेजबानी करेंगे। यह दूसरी बार है, जब ये दोनों नेता व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'यह यात्रा अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों की चिरकालिक प्रकृति को रेखांकित करेगी और साथ ही आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर सहयोग को गहरा करने का अवसर देगी। इन मुद्दों में आर्थिक वृद्धि, व्यापार और निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, परमाणु सुरक्षा, आतंकवाद से निपटना और क्षेत्रीय स्थिरता शामिल हैं।'
प्रधानमंत्री के रूप में अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान शरीफ की दूसरी बार होने जा रही वाशिंगटन यात्रा से पहले व्हाइट हाउस ने कहा, 'राष्ट्रपति प्रधानमंत्री शरीफ के साथ उन तरीकों पर चर्चा करने का इंतजार कर रहे हैं, जिनसे हम एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध पाकिस्तान से जुड़े अपने साझा हितों को आगे बढ़ा सकते हैं।' शरीफ के 20 अक्तूबर की रात वाशिंगटन पहुंचने की संभावना है। वहीं शरीफ के दौरे के बाद अगले महीने पाकिस्तानी सेना प्रमुख राहील शरीफ के अमेरिका आने की संभावना है।
अमेरिकी विशेषज्ञों को ज्यादा उम्मीद नहीं
हालांकि पाकिस्तान से जुड़े मामलों पर विशेषज्ञता रखने वाले अमेरिकी विशेषज्ञों ने शरीफ के दौरे से पहले कहा कि वे इस दौरे से ज्यादा कुछ अपेक्षा नहीं रख रहे। प्रतिष्ठित थिंक टैंक विल्सन सेंटर के माइकल कुगलमैन ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें इस दौरे के लिए अपनी अपेक्षाओं को कम रखना चाहिए। हमें इसे एक बड़ी बैठक के बजाय एक शिष्टाचार आधारित निमंत्रण के तौर पर ज्यादा देखना चाहिए। राष्ट्रपति ओबामा ने शरीफ को कुछ समय पहले आमंत्रित किया था और यह शरीफ द्वारा उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया जाना मात्र है। हमें किन्हीं बड़ी घोषणाओं या बड़ी उपलब्धियों की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।'
अफगानिस्तान मामले पर रहेगी खास नजर
वहीं हेरीटेज फाउंडेशन की लीजा कुर्टिस ने कहा कि यह बात महत्वपूर्ण है कि शरीफ का दौरा ओबामा द्वारा अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को विस्तार देने की योजना की घोषणा करने के कुछ ही समय बाद हो रहा है। उन्होंने कहा, 'ओबामा ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह माना कि पाकिस्तान के पास अपनी धरती पर तालिबान के पनाहगाहों को नष्ट कर अफगानिस्तान में निभाने के लिए भूमिका थी।'
कुर्टिस ने कहा, 'ओबामा की शरीफ के साथ मुलाकात अमेरिका की इन अपेक्षाओं को दोहराने का अवसर होगी कि पाकिस्तान इन पनाहगाहों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई करेगा और तालिबान को एक बार फिर वार्ता की मेज पर लाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा।' उन्होंने कहा, 'हालांकि ओबामा यह जानते हैं कि पाकिस्तान की अफगान नीति पर नवाज शरीफ का नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख राहील शरीफ का नियंत्रण है। फिर भी नवाज सैन्य नेतृत्व तक अमेरिका का संदेश पहुंचा सकते हैं।'
मौजूदा कार्यकाल में दूसरी वाशिंगटन जा रहे हैं नवाज
राष्ट्रपति बराक ओबामा 22 अक्तूबर को व्हाइट हाउस में आयोजित एक बैठक में शरीफ की मेजबानी करेंगे। यह दूसरी बार है, जब ये दोनों नेता व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'यह यात्रा अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों की चिरकालिक प्रकृति को रेखांकित करेगी और साथ ही आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर सहयोग को गहरा करने का अवसर देगी। इन मुद्दों में आर्थिक वृद्धि, व्यापार और निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, परमाणु सुरक्षा, आतंकवाद से निपटना और क्षेत्रीय स्थिरता शामिल हैं।'
प्रधानमंत्री के रूप में अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान शरीफ की दूसरी बार होने जा रही वाशिंगटन यात्रा से पहले व्हाइट हाउस ने कहा, 'राष्ट्रपति प्रधानमंत्री शरीफ के साथ उन तरीकों पर चर्चा करने का इंतजार कर रहे हैं, जिनसे हम एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध पाकिस्तान से जुड़े अपने साझा हितों को आगे बढ़ा सकते हैं।' शरीफ के 20 अक्तूबर की रात वाशिंगटन पहुंचने की संभावना है। वहीं शरीफ के दौरे के बाद अगले महीने पाकिस्तानी सेना प्रमुख राहील शरीफ के अमेरिका आने की संभावना है।
अमेरिकी विशेषज्ञों को ज्यादा उम्मीद नहीं
हालांकि पाकिस्तान से जुड़े मामलों पर विशेषज्ञता रखने वाले अमेरिकी विशेषज्ञों ने शरीफ के दौरे से पहले कहा कि वे इस दौरे से ज्यादा कुछ अपेक्षा नहीं रख रहे। प्रतिष्ठित थिंक टैंक विल्सन सेंटर के माइकल कुगलमैन ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें इस दौरे के लिए अपनी अपेक्षाओं को कम रखना चाहिए। हमें इसे एक बड़ी बैठक के बजाय एक शिष्टाचार आधारित निमंत्रण के तौर पर ज्यादा देखना चाहिए। राष्ट्रपति ओबामा ने शरीफ को कुछ समय पहले आमंत्रित किया था और यह शरीफ द्वारा उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया जाना मात्र है। हमें किन्हीं बड़ी घोषणाओं या बड़ी उपलब्धियों की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।'
अफगानिस्तान मामले पर रहेगी खास नजर
वहीं हेरीटेज फाउंडेशन की लीजा कुर्टिस ने कहा कि यह बात महत्वपूर्ण है कि शरीफ का दौरा ओबामा द्वारा अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को विस्तार देने की योजना की घोषणा करने के कुछ ही समय बाद हो रहा है। उन्होंने कहा, 'ओबामा ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह माना कि पाकिस्तान के पास अपनी धरती पर तालिबान के पनाहगाहों को नष्ट कर अफगानिस्तान में निभाने के लिए भूमिका थी।'
कुर्टिस ने कहा, 'ओबामा की शरीफ के साथ मुलाकात अमेरिका की इन अपेक्षाओं को दोहराने का अवसर होगी कि पाकिस्तान इन पनाहगाहों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई करेगा और तालिबान को एक बार फिर वार्ता की मेज पर लाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा।' उन्होंने कहा, 'हालांकि ओबामा यह जानते हैं कि पाकिस्तान की अफगान नीति पर नवाज शरीफ का नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख राहील शरीफ का नियंत्रण है। फिर भी नवाज सैन्य नेतृत्व तक अमेरिका का संदेश पहुंचा सकते हैं।'
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