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This Article is From Apr 23, 2011

मिसराता से हटेगी गद्दाफी की सेना

त्रिपोली: लीबिया सरकार ने कहा है कि गद्दाफी समर्थक सेना घेरे जा चुके विद्रोहियों के गढ़ मिसराता से हट जाएगी और बल प्रयोग अथवा बातचीत के जरिये संघर्ष का समाधान निकालने का विकल्प स्थानीय कबीलों पर ही छोड़ दिया जाएगा। लीबिया सरकार की इस घोषणा के बीच नाटो ने त्रिपोली पर हवाई हमले किए, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। लीबिया के उप विदेश मंत्री खालिद कैम ने कहा, मिसराता के हालात से वहां के कबीले तथा स्थानीय लोग ही निपटेंगे, लीबिया की सेना नहीं। उन्होंने कहा, हम हालात से बल प्रयोग या बातचीत के जरिये निपटने का जिम्मा मिसराता के आसपास मौजूद कबीलों और स्थानीय लोगों पर छोड़ देंगे। कैम ने कहा कि राजधानी त्रिपोली से करीब 200 किमी पूर्व में स्थित मिसराता में बगावत खत्म कराने के लिए सेना को अल्टीमेटम दे दिया गया है। अल जजीरा के अनुसार, उप विदेश मंत्री ने कहा कि लीबियाई सेना से कहा गया है कि यदि वह मिसराता में समस्या का हल नहीं निकाल सकती, तो आसपास के शहरों- ज्लीतेन, तारहुना, बानी वालिद और तवारगा के लोग वहां जाकर विद्रोहियों से बात करेंगे। यदि वे समर्पण नहीं करते हैं, तो फिर उनके साथ संघर्ष होगा।

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लीबिया, मिसराता, सेना, गद्दाफी
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