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This Article is From Feb 28, 2011

लीबिया संकट : सत्ता से अब भी चिपके हैं गद्दाफी

अल-जाविया पर रविवार को गद्दाफी विरोधियों ने कब्जा कर लिया था। शहर के निवासियों को शहर पर हमले की चेतावनी दी गई है।
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त्रिपोली/काहिरा: लीबियाई नेता मुअम्मार गद्दाफी देश पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सोमवार को भी जूझते रहे। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने सप्ताहांत में कई अन्य शहरों पर अपना कब्जा कर लिया। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने अल अरबिया टेलीविजन को सोमवार को बताया कि गद्दाफी के सुरक्षा बलों ने त्रिपोली के पश्चिम में, अल-जाविया इलाके में स्थित वायु सेना अकादमी में घुसकर विद्यार्थियों से कहा कि वे उनके साथ शहर पर हमला करें। अल-जाविया पर रविवार को गद्दाफी विरोधियों ने कब्जा कर लिया था। शहर के निवासियों को शहर पर हमले की चेतावनी दी गई है। कहा गया है कि यह एक नरसंहार होगा, क्योंकि हमलावरों में से अधिकांश के पास मशीनगन और विमान रोधी हथियार हैं। गद्दाफी त्रिपोली में भले ही कब्जा जमाए हुए हैं, और वह राजधानी पर अपना नियंत्रण बता रहे हैं, लेकिन लीबिया के दूसरे बड़े शहर बेनघाजी में विपक्ष ने एक संक्रमणकालीन सरकार की तैयारी शुरू कर दी है और मुक्त कराए गए शहरों में नए राजनीतिक संगठन स्थापित कर दिए हैं। पूर्व न्याय मंत्री मुस्तफा अब्देल जलील ने लीबियाई शहरों में क्रांति को एक राजनीतिक स्वरूप प्रदान करने के लिए पूर्वी शहर में एक लीबियाई राष्ट्रीय परिषद की स्थापना की है। लीबिया के तीसरे बड़े शहर, मिसुराता के निवासियों ने इंटरनेट पर जारी संदेशों में बेनघाजी में स्थापित इस परिषद के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है। मिसुराता पर हाल ही में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया था। दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अमेरिका लीबियाई विपक्ष से सम्पर्क करने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही उन विभिन्न लीबियाइयों से बातचीत कर रहा है जो पूर्वी हिस्से में संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं। क्लिंटन ने कहा कि जो भी कोई अमेरिका से मदद चाहेगा, वाशिंगटन किसी को भी किसी भी तरह की मदद मुहैया कराने के लिए तैयार रहेगा। इस बीच अल अरबिया पर अपनी टिप्पणी में अब्देल जलील ने अमेरिका के सम्पर्क में होने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि लीबियाई नागरिकों ने विदेशी हस्तक्षेप को खारिज कर दिया है और यदि किसी विदेशी सैनिक ने लीबिया में प्रवेश करने की कोशिश की तो उसे गद्दाफी से कहीं अधिक विरोध का सामना करना पड़ेगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अफ्रीकी देशों से आए भाड़े के आतंकियों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और उनकी हत्याएं कीं। अन्य लोगों ने कहा कि ट्यूनीशिया की सीमा पर गद्दाफी के भाड़े के सैनिक मौजूद थे। गद्दाफी के बेटे सैफ अल-इस्लाम ने इस बात से इंकार किया है कि लीबियाइयों पर हमले के लिए भाड़े के सैनिकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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लीबिया, गद्दाफी, Libya, Gaddafi
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