पश्चिमी शक्तियों की ओर से यूक्रेन पर आसन्न रूसी हमले और विनाशकारी यूरोपीय युद्ध को रोकने के लिए रविवार को अंतिम राजनयिक प्रयास किए गए. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को युद्धविराम की कोशिश के लिए बुलाते ही यूक्रेनी कमांडरों ने पूर्वी यूक्रेन में तीव्र गोलाबारी की खबर दी. मैक्रॉन गत 7 फरवरी को पुतिन से मुलाकात के बाद से जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ जैसे पश्चिमी देशों के साथी नेताओं के साथ पुतिन से युद्ध के कगार से पीछे हटने का आग्रह कर रहे हैं.
मैक्रॉन के कार्यालय ने कहा कि रविवार को "यूक्रेन में एक बड़े संघर्ष से बचने के लिए अंतिम संभव और आवश्यक प्रयास" का आह्वान किया गया है.
सरकारी बलों और लुगांस्क और डोनेट्स्क जिलों के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाले मास्को समर्थित विद्रोहियों के बीच अग्रिम पंक्ति के करीब रात में गोलाबारी हुई.
अधिकृत एन्क्लेव
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मानते हैं कि आक्रमण आसन्न है. इसी को दोहराते हुए नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, "हर संकेत इंगित करता है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ एक पूर्ण हमले की योजना बना रहा है."
मॉस्को समर्थित अलगाववादियों ने यूक्रेन सीमा पर विशाल रूसी सैन्य निर्माण के बावजूद यूक्रेन पर उनके एन्क्लेव में एक आक्रामक योजना बनाने का आरोप लगाया है. कीव और पश्चिमी देशों की राजधानियों ने इस विचार का उपहास किया और मास्को पर यूक्रेन को भड़काने का प्रयास करने और रूसी हस्तक्षेप के बहाने घटनाओं को गढ़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया.
यूक्रेन के शीर्ष जनरल वालेरी ज़ालुज़्निया ने आरोप लगाया कि, "रूसी सैन्य कर्मी और विशेष सेवाएं अस्थायी रूप से कब्जे वाले डोनेट्स्क और लुगांस्क में आतंक के कृत्यों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. नागरिकों की मौत हुई हैं."
विद्रोही क्षेत्रों ने यूक्रेन की सेना के बारे में इसी तरह के दावे किए हैं और पड़ोसी रूसी क्षेत्र में नागरिकों की निकासी करते हुए सामान्य लामबंदी का आदेश दिया है. लुगांस्क विद्रोहियों के अधिकारियों ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने यूक्रेनी बलों के हमले को विफल कर दिया था जिसमें दो नागरिक मारे गए थे, लेकिन यूक्रेनी आंतरिक मंत्रालय ने तुरंत कथित "पूरी तरह फर्जी" दावे की निंदा की. रूसी जांचकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने कथित घटना की जांच शुरू कर दी है.
पश्चिमी नेताओं के अनुसार, यूक्रेन के चारों ओर रूस की मिसाइलें और बड़े पैमाने पर युद्धपोतों के साथ 150,000 से अधिक सैनिक हैं, जो कि स्ट्राइक करने के लिए तैयार हैं. इन सैनिकों में से करीब 30,000 बेलारूस में हैं. यह जाहिर तौर पर पुतिन के सहयोगी अलेक्जेंडर लुकाशेंको की सेना के साथ अभ्यास के लिए मौजूद हैं. लेकिन यह यूक्रेन की सीमा और राजधानी कीव की सड़क के करीब भी हैं. सभी की निगाहें रविवार को इसी बल पर थीं. इसी दिन अभ्यास समाप्त होने वाला है. यदि पुतिन वादे के अनुसार उन्हें रूस वापस लाने में विफल रहते हैं तो इसे बड़ते खतरे के रूप में देखा जाएगा.
एलिसी के अनुसार यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शनिवार को मैक्रॉन से कहा कि वह रूस के उकसावे का जवाब नहीं देंगे. लेकिन म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में अपने भाषण में उन्होंने मास्को के प्रति "तुष्टिकरण की नीति" की भी निंदा की. उन्होंने कहा, "आठ साल से यूक्रेन दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है."
उन्होंने यूक्रेन के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए "स्पष्ट, व्यवहार्य समय-सीमा" का आह्वान किया. मॉस्को ने कहा है कि वह इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यह पश्चिमी प्रभाव को वापस लाने की कोशिश होगी.
म्यूनिख में पश्चिमी अधिकारियों ने रूस पर हमला करने पर भारी प्रतिबंधों की चेतावनी दी. अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि इससे नाटो केवल अपने "पूर्वी हिस्से" को मजबूत करेगा.
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