
लेबर पार्टी के भारतीय मूल के ब्रिटेन के सांसद कीथ वाज ने यूरोपीय संघ द्वारा भारत से आम के आयात पर पाबंदी लगाए जाने का विरोध कुछ अनूठे अंदाज में किया। वह यहां आम के कुछ खुदरा विक्रेताओं और आयातकों के साथ प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के आवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट गए और उन्हें दो पेटी अल्फांसो आम भेंट किए।
वाज ने बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री ने बार-बार यह दिखाया है कि वह भारत के साथ हमारे देश के बेहतर संबंधों के सबसे बड़े हिमायती हैं। मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने यूरोपीय संघ द्वारा निर्धारित नियमों का अनुपालन किया है, इसीलिए इस पर प्रतिबंध लगाने का कोई कारण नहीं है। इससे ब्रिटेन को करोड़ों पौंड के राजस्व का नुकसान होगा और भारत में लाखों आम बर्बाद होंगे।'
वाज अपने क्षेत्र लीसेस्टर की तरफ से प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। इसी क्षेत्र में सालाना आम महोत्सव होता है। उन्होंने यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखा है और उनकी कैमरन के समक्ष अपनी बातें रखने की योजना है। उन्होंने कहा, 'इसका महाराष्ट्र और गोवा के आम किसानों पर प्रभाव पड़ेगा।' वाज का ताल्लुक गोवा से ही है।
इससे पहले वाज ने यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर आम आयात पर प्रतिबंध को यूरोपीय संघ का बेतुका फैसला बताया और कहा कि नौकरशाह अनाप-शनाप फैसले ले रहे हैं।