लंदन:
शाही परिवार की बहू बनने जा रही केट मिडलटन ने विवाह की वेदी पर आधुनिक नजरिया अपनाने का फैसला किया है और वह पति परमेश्वर की जी हजूरी करने की कसम नहीं खाएंगी, जैसा कि आज तक होता आया है। चर्च ऑफ इंग्लैंड की प्रार्थना पुस्तिका के अनुसार, केट से दो कसमों में से एक कसम खाने को कहा गया है। एक कसम है-: परमात्मा के आदेश से मैं इस पुरुष को अपना पति स्वीकार करती हूं। पति की आज्ञा का पालन करूंगी, उसकी सेवा करूंगी, उसे प्यार करूंगी और बीमारी में उसका साथ दूंगी। इसी कसम के दूसरे भाग में बाकी चीजें समान हैं, लेकिन आज्ञा का पालन करने वाले हिस्से को हटा दिया गया है। और केट इसी दूसरे हिस्से को बोलेंगी। इस बात को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या केट आज्ञा पालन वाले हिस्से को स्वीकार करेंगी या नहीं। अपनी शादी की पूर्व संध्या पर राजकुमार विलियम और केट ने एक संदेश में गुरुवार को कहा, हम इस बात से बेहद खुश हैं कि आप समारोह में हमारे साथ शामिल हो रहे हैं और उम्मीद है कि हमारी जिंदगी का यह सबसे खुशनुमा दिन होगा। संदेश में आगे कहा गया है, हमारी सगाई के दौरान लोगों ने जो अपनापन और प्यार दिया है, हम उसके लिए आभारी हैं और उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं। जिस समय केट विवाह के लिए वेस्टमिन्स्टर ऐबी में पादरी की ओर बढ़ेंगी तो उस समय सर चार्ल्स हूबर्ट हेस्टिंग्स पैरी द्वारा लिखा गया ताजपोशी गीत आई वाज ग्लैड बजाया जाएगा। इसे राजकुमार विलियम के पुरखे एडवर्ड सप्तम के वेस्टमिन्स्टर ऐबी में 1902 में हुई ताजपोशी के लिए संगीतबद्ध किया गया था।
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