विज्ञापन
This Article is From Sep 30, 2022

काबुल: स्कूल पर आत्मघाती हमले में 27 की मौत, परीक्षा की तैयारी कर रहे थे छात्र

तालिबान (Taliban) पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा, "छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे जब एक आत्मघाती हमलावर ने इस एजुकेशन सेंकट को उड़ा दिया."

काबुल: स्कूल पर आत्मघाती हमले में 27 की मौत, परीक्षा की तैयारी कर रहे थे छात्र
अफगानिस्तान में शिक्षा के केंद्र पर हुआ आत्मघाती हमला (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में एक शैक्षणिक केंद्र पर हुए आत्मघाती हमले (Suicide Attack) में 27 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. मृतकों में कम से कम 19 छात्र हैं जो शुक्रवार सुबह होने वाली परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. काबुल पुलिस प्रमुख के तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी के शिया बहुल इलाके में यह आत्मघाती विस्फोट हुआ. यह धमाका दश्त-ए बार्ची इलाके में हुआ. यहां शिया और हज़ारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं. इस इलाके में अक्सर घातक हमले होते रहते हैं. तालिबान पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा, छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे जब एक आत्मघाती हमलावर ने इस एजुकेशन सेंकट को उड़ा दिया."

स्थानीय मीडिया में ऑनलाइन पोस्ट की गई फोटो और वीडियो में दिखाया गया है कि खूनमख़ान पीड़ितों को हमले की जगह से ले जाया जा रहा है.   

गृहमंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नाफी ताकोर ने पहले ट्वीट किया था, " हमले की जगह पर सुरक्षा दल पहुंच रहे हैं बाकी जानकारियां बाद में दी जाएंगी. नागरिकों को निशाना बनाना दुश्मन की अमानवीय क्रूरता और नैतिक मानकों के पतन को साबित करता है. " 

अफगानिस्तान में पिछले साल तालिबान का शासन लौटा था. इससे यहां दो दशकों के युद्ध और एक लंबे हिंसा के दौर पर कुछ लगाम लगी थी लेकिन पिछले कुछ महीनों में सुरक्षा के हालात यहां बिगड़ते जा रहे हैं. इसके पीछे कट्टर इस्लामिक संगठनों का हाथ बताया जा रहा है.  

अफगानिस्तान के शिया हजारा कई दशकों से जान का खतरा झेल रहे हैं.  पहली बार सत्ता में आने के बाद 1996 से 2001 के बीच तालिबान पर इस समूह को प्रताड़ित करने के आरोप लगे थे. दोबारा सत्ता में आने के बाद एक बार फिर तालिबान पर इसी तरह के आरोप लग रहे हैं.  

हज़ारा समुदाय को तालिबान का दुश्मन संगठन इस्लामिक स्टेट भी लगातार अपना निशाना बनाता रहता है. दोनों समुदाय इन्हें काफिर मानते हैं.   पिछले साल तालिबान के सत्ता में लौटने से पहले दश्त-ए-बार्ची के एक स्कूल के पास हुए धमाके में कम से कम 85 लोग मारे गए थे. इनमें मुख्यतौर से छात्राएं शामिल थीं. इन तीन बम धमाकों में कम से क 300 लोग घायल हो गए थे. उस समय इस हमले की किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली थी लेकिन एक साल बाद इस्लामिक स्टेट ने दावा किया कि उसने इसी इलाके में एक स्कूल पर हमला कर 24 लोगों की जान ली. इनमें छात्र भी शामिल ती.  

अफगानिस्तान में शिक्षा एक बड़ा विवादित मुद्दा है. तालिबान जबकि लड़कियों को सेकेंड्री स्कूल में लौटने का विरोध कर रहे हैं जबकि इस्लामिक स्टेट भी लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा के खिलाफ है.  
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com