- हमलावरों में से अधिकांश पिस्तौल से लैस थे और एक के पास एके-47 राइफल थी, उन्होंने बिना उकसावे के गोलियां चलाईं
- मृतकों में एक ऑनलाइन कार-बुकिंग सेवा का ड्राइवर भी शामिल था, जो हमले के समय वहां से गुजर रहा था
- दक्षिण अफ्रीका में बढ़ते संगठित अपराध और अवैध हथियारों की भरमार के कारण गोलीबारी की घटनाएं आम हो गई हैं
दक्षिण अफ्रीका में पुलिस ने बताया कि रविवार तड़के जोहान्सबर्ग के बाहरी इलाके में बंदूकधारियों द्वारा की गई गोलीबारी में नौ लोग मारे गए है. दक्षिण अफ्रीका में इस महीने इस तरह की यह दूसरी घटना है. शहर से लगभग 40 किलोमीटर (25 मील) दक्षिण-पश्चिम में स्थित सोने की खदान वाले क्षेत्र के गरीब बेकर्सडाल कस्बे में तड़के हुए हमले में दस अन्य लोग घायल हो गए.यह घटना 6 दिसंबर को प्रिटोरिया के पास गोलीबारी के बाद हुई है, जिसमें बंदूकधारियों ने तीन साल के बच्चे सहित एक दर्जन लोगों को मार डाला था.
क्यों की हत्या
पुलिस ने पहले बताया था कि बेकर्सडाल बार पर तड़के 1:00 बजे (2300 जीएमटी) से ठीक पहले हुए हमले में 10 लोग मारे गए थे, लेकिन बाद में मरने वालों की संख्या कम कर दी गई.प्रांतीय पुलिस उप आयुक्त मेजर जनरल फ्रेड केकाना ने घटनास्थल से एसएबीसी टेलीविजन को बताया कि हमलावरों में से अधिकांश पिस्तौल से लैस थे और एक के पास एके-47 राइफल थी. उन्होंने कहा, "वे बार में घुसे और बिना किसी उकसावे के ग्राहकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं." उन्होंने बताया कि तीन लोग बार के अंदर मारे गए और अन्य लोग घटनास्थल से भागते समय मारे गए, हमलावरों ने भागते समय भी गोलियां चलाना जारी रखा.
केकाना ने कहा, "यह भी बताया गया है कि लोगों को गोली मारने के बाद उन्होंने उनकी तलाशी ली. उन्होंने उनके कीमती सामान, जिनमें मोबाइल फोन भी शामिल थे, ले लिए."मरने वालों में एक ऑनलाइन कार-बुकिंग सेवा का ड्राइवर भी शामिल था, जो वहां से गुजर रहा था. केकाना ने कहा, "यह पूरी तरह से आपराधिक कृत्य है." पुलिस ने हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है और जनता से सहायता की अपील की है.
बेकाबू हुआ अपराध
महाद्वीप का सबसे औद्योगिक देश दक्षिण अफ्रीका अब बढ़ते अपराधों से जूझ रहा है. यहां संगठित गिरोह बन गए हैं. देश में वैध और अवैध हथियारों की भरमार है और गोलीबारी आम बात हो गई है. अक्सर गिरोह आपसी प्रतिद्वंद्विता में भी बीच सड़क गोलीबारी कर देते हैं.
इस महीने की शुरुआत में प्रिटोरिया हमले में भी एक शराबखाने को निशाना बनाया गया था. मरने वालों में तीन, बारह और सोलह वर्ष की आयु के बच्चे शामिल थे. पिछले सप्ताह मध्य जोहान्सबर्ग में दिनदहाड़े हुई हत्या से भी देश स्तब्ध रह गया, जिसमें लोकप्रिय पूर्व रेडियो प्रस्तोता डीजे वारस की हत्या कर दी गई थी. 40 वर्षीय वारस (जिनका असली नाम वारिस स्टॉक था) को 16 दिसंबर को एक इमारत के बाहर गोली मार दी गई थी, जहां वे एक निजी सुरक्षा कंपनी के साथ अपने काम के सिलसिले में गए थे.
हत्या की दर दुनिया में सबसे अधिक
एक अन्य चर्चित हत्याकांड में, भ्रष्टाचार जांच के एक गवाह की 5 दिसंबर को उसके परिवार के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई, यह घटना नगर पालिका पुलिस प्रमुख के खिलाफ गवाही देने के कुछ ही हफ्तों बाद हुई. 41 वर्षीय मारियस वैन डेर मेरवे की हत्या ने सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी अधिकारियों से जुड़े मामलों सहित अपराध और भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी देने वाले मुखबिरों को निशाना बनाए जाने के मुद्दे पर फिर से बहस छेड़ दी है. पुलिस आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका में हत्या की दर दुनिया में सबसे अधिक है, जहां अप्रैल से सितंबर के बीच औसतन प्रतिदिन 63 लोगों की हत्या होती है.
हाल के महीनों में हुई सबसे भीषण सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं में से एक में, सितंबर 2024 में पूर्वी केप प्रांत के एक ग्रामीण इलाके में एक घर में 18 रिश्तेदारों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पीड़ित, जो एक पारंपरिक समारोह के लिए एकत्रित हुए थे, उनकी आयु 14 से 64 वर्ष के बीच थी, जिनमें से 15 महिलाएं थीं. कई पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है.
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