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This Article is From Dec 16, 2014

पहली बार बंधक नहीं बनाए गए हैं बच्चे

पहली बार बंधक नहीं बनाए गए हैं बच्चे
पेशावर स्कूल के एक घायल बच्चे को बाहर निकलते लोग

आज पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी स्कूल में आत्मघाती हमलावर घुस गए। अब तक 100 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की भी खबर है और लगभग 80 लोग घायल हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ले ली है, जिसके अनुसार, उसने पाक सेना द्वारा उत्तरी वजीरिस्तान में चल रहे ऑपरेशन 'ज़र्ब-ए-अज़ब' का बदला लिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले छह माह से चल रहे ऑपरेशन में 1,858 तालिबानी मारे जा चुके हैं।

लेकिन स्कूली बच्चों को बंधक बनाए जाने की पाकिस्तान में यह पहली घटना नहीं है।

  • सितंबर, 2011 में 35 पाकिस्तानी स्कूली बच्चों को पाकिस्तानी तालिबान ग्रुप ने अफगानिस्तान में बंधक बनाया था। ये बच्चे ईद के मौके पर पिकनिक मनाते हुए गलती से अफगानिस्तान में घुस गए थे, और इन्हें पांच महीने तक बंधक रखने के बाद छोड़ा गया।
  • जनवरी, 2008 में कुछ बंदूकधारियों ने पाकिस्तान के नार्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस में 250 से ज़्यादा बच्चों को बंधक बनाया था। बाद में हमलावरों ने आत्मसमर्पण कर दिया था, और इस वारदात में कोई बच्चा हताहत नहीं हुआ था।

वैसे, समय-समय पर दुनियाभर में हमलावरों ने स्कूली बच्चों को निशाना बनाया है।

  • फरवरी, 2014 में रूस के मॉस्को शहर में 15 साल के लड़के ने 29 स्कूली बच्चों को बंधक बना लिया था। एक टीचर और एक सिक्योरिटी अफसर को मारने के बाद हमलावर ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
  • वर्ष 2004 में रूस के बेसलान शहर में चेचन्या विद्रोहियों ने एक स्कूल पर कब्ज़ा कर लिया और 1,100 से अधिक लोगों को बंधक बनाया था, जिनमें 777 बच्चे थे। हमलावर चेचेन्या की आज़ादी और चेचन्या से रूसी सेनाओं की वापसी की मांग कर रहे थे। तीन दिन के बाद रूसी सेना ने स्कूल पर कब्ज़ा कर लिया, लेकिन कार्रवाई में 186 बच्चों समेत 385 बंधक मारे गए थे।
  • मई, 1986 में अमेरिका के वयोमी राज्य में एक दंपति ने कोकेविल्ले स्कूल में लगभग 150 लोगो को बंधक बनाया था, जिनमें 136 बच्चे थे। 79 लोग इस घटना में ज़ख़्मी हुए थे।

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