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अमेरिका, इजरायल और कतर के बीच न्यूयॉर्क में हुई 'सीक्रेट मुलाकात', ट्रंप का प्लान क्या है?

अमेरिका, इजरायल और कतर के बीच यह सीक्रेट बैठक खास मानी जा रही है क्योंकि कुछ महीने पहले ही इजरायल ने हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए कतर की राजधानी दोहा में असफल हवाई हमला किए थे.

अमेरिका, इजरायल और कतर के बीच न्यूयॉर्क में हुई 'सीक्रेट मुलाकात', ट्रंप का प्लान क्या है?
  • अमेरिका, इजरायल और कतर ने न्यूयॉर्क में गाजा शांति समझौते पर चर्चा के लिए एक सीक्रेट त्रिपक्षीय बैठक की
  • बैठक में इजरायल के मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया और कतर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिस्सा लिया
  • इजरायल ने सितंबर में दोहा में हमास नेताओं पर हमला किया था, जो पूरी तरह से असफल रहा था
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अमेरिका, इजरायल और कतर ने रविवार, 7 दिसंबर को न्यूयॉर्क में एक सीक्रेट बैठक की है. यह खबर सूत्रों ने हवाले से अमेरिकी न्यूज आउटलेट एक्सियोस ने छापी है. यह त्रिपक्षीय बैठक खास मानी जा रही है क्योंकि कुछ महीने पहले ही इजरायल ने हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए कतर की राजधानी दोहा में असफल हवाई हमला किए थे. दो सूत्रों ने एक्सियोस को बताया कि गाजा में युद्ध समाप्त करने के समझौते के बाद से यह देशों के बीच उच्चतम स्तर (हाइएस्ट लेबल) की बैठक थी, जिसके लिए कतर ने प्रमुख मध्यस्थ के रूप में काम किया. 

न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार व्हाइट हाउस ने इस बैठक की तुरंत पुष्टि नहीं की थी.

आखिर इस सीक्रेट मीटिंग में हुआ क्या?

एक्सियोस ने बताया कि व्हाइट हाउस के राजदूत स्टीव विटकॉफ ने इस बैठक की मेजबानी की. इजरायल के खुफिया विभाग मोसाद के जासूस प्रमुख डेविड बार्निया इजरायल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, वहीं कतर के एक अनाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

एक्सियोस ने बताया कि रविवार की बैठक का मुख्य फोकस मोटे तौर पर "गाजा शांति समझौते को लागू करने पर था."

गौरतलब है कि कतर ने ही मिस्र और अमेरिका के साथ मिलकर इजरायल और हमास के बीच एक युद्धविराम (सीजफायर) कराने में मदद की. हालांकि यह युद्धविराम नाजुक बना हुआ है क्योंकि इजरायल और हमास दोनों एक दूसरे पर अपनी शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हैं. इससे पहले शनिवार को, कतर और मिस्र, दोनों ने गाजा में संघर्ष को समाप्त करने के लिए नाजुक समझौते को पूरी तरह से लागू करने के लिए इजरायली सैनिकों की वापसी और एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स) की तैनाती की मांग की है. 

9 सितंबर को दोहा पर इजरायल ने हमला करके हमास के शीर्ष वार्ताकार खलील अल-हायरा और फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह के अन्य लोगों को निशाना बनाया था. हालांकि यह हमला पूरी तरह असफल साबित हुआ. हमास का कोई सदस्य तो नहीं मरा, बल्कि हमले में छह लोगों की मौत हो गई और इजरायल की खूब आलोचना हुई, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फटकार भी शामिल थी.

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