इस्लामिक स्टेट आतंकियों की फाइल तस्वीर
वाशिंगटन:
उत्तरी इराक में अमेरिका के एक हवाई हमले में खतरनाक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का दूसरे नंबर का कमांडर मारा गया।
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि फादिल अहमद अल हयाली 18 अगस्त को इराक में मोसुल के निकट उस समय मारा गया, जब वह आईएसआईएल का मीडिया संबंधी काम देखने वाले अबू अब्दुल्ला के साथ एक वाहन में सवार होकर जा रहा था। अल हयाली को हाजी मुताज के नाम से भी जाना जाता था।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, अल-हयाली आईएसआईएल शूरा परिषद का सदस्य था और वह आईएसआईएल नेता अबू बकर अल बगदादी के वरिष्ठ उप प्रमुख के तौर पर बड़ी संख्या में हथियारों, विस्फोटकों, वाहनों और लोगों को इराक और सीरिया के बीच लाने ले जाने में कोर्डिनेशन का काम करता था।
प्राइस ने कहा, उसने दोनों देशों में आईएसआईएल के अभियानों को समर्थन दिया और वह इराक में आईएसआईएल के अभियानों का प्रभारी था। उसने इराक में पिछले दो वर्षों में अभियानों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, जिनमें जून 2014 में मोसुल पर हुआ हमला भी शामिल है। अल हयाली पूर्व में इराक में अल कायदा का सदस्य था।
प्राइस ने कहा, अल हयाली का प्रभाव आईएसआईएल के वित्त, मीडिया, अभियानों और साजो-समान संबंधी कामों में था, इसलिए उसकी मौत से आईएसआईएल के अभियानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी साझेदार इस आतंकवादी समूह का प्रभाव कम करने और उसे नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसने लोगों को बहुत कष्ट और दुख पहुंचाया है।
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि फादिल अहमद अल हयाली 18 अगस्त को इराक में मोसुल के निकट उस समय मारा गया, जब वह आईएसआईएल का मीडिया संबंधी काम देखने वाले अबू अब्दुल्ला के साथ एक वाहन में सवार होकर जा रहा था। अल हयाली को हाजी मुताज के नाम से भी जाना जाता था।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, अल-हयाली आईएसआईएल शूरा परिषद का सदस्य था और वह आईएसआईएल नेता अबू बकर अल बगदादी के वरिष्ठ उप प्रमुख के तौर पर बड़ी संख्या में हथियारों, विस्फोटकों, वाहनों और लोगों को इराक और सीरिया के बीच लाने ले जाने में कोर्डिनेशन का काम करता था।
प्राइस ने कहा, उसने दोनों देशों में आईएसआईएल के अभियानों को समर्थन दिया और वह इराक में आईएसआईएल के अभियानों का प्रभारी था। उसने इराक में पिछले दो वर्षों में अभियानों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, जिनमें जून 2014 में मोसुल पर हुआ हमला भी शामिल है। अल हयाली पूर्व में इराक में अल कायदा का सदस्य था।
प्राइस ने कहा, अल हयाली का प्रभाव आईएसआईएल के वित्त, मीडिया, अभियानों और साजो-समान संबंधी कामों में था, इसलिए उसकी मौत से आईएसआईएल के अभियानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी साझेदार इस आतंकवादी समूह का प्रभाव कम करने और उसे नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसने लोगों को बहुत कष्ट और दुख पहुंचाया है।
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