
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस्लाम विरोधी अमेरिकी फिल्म का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में 86 लोग घायल हो गए हैं। स्थिति पर काबू करने के लिए सेना को बुलाया गया।
इस्लामी जमीयत-ए-तलबा सहित कई छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद के रेड जोन इलाके में एकत्र होना शुरू कर दिया था। इसी इलाके में अमेरिकी दूतावास, भारतीय उच्चायोग और कई अन्य देशों के दूतावास-उच्चायोग हैं।
दिन में करीब दो बजे तक इलाके में भारी भीड़ एकत्र हो गई थी। ये लोग इस्लाम विरोधी फिल्म ‘इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स’ को लेकर अपना विरोध जता रहे थे। इनके अलावा अहले सुन्नत वल जमात और जमात-उद-दावा जैसे कट्टरपंथी संगठनों के हजारों कार्यकर्ता रावलपिंडी में एक रैली से इस्लामाबाद पहुंचे।
डिप्लोमैटिक एनक्लेव के गेट से महज आधे किलोमीटर से भी कम दूरी पर भारतीय उच्चायोग स्थित है। सूत्रों का कहना है कि राजनयिक इलाके में सभी भारतीय सुरक्षित हैं और वे उच्चायोग के भीतर हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में कम से कम 36 पुलिसकर्मी और करीब 50 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
इस्लामाबाद में करीब तीन घंटे तक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होती रही। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां चलाईं। पुलिस ने लाठियां भी भांजी। स्थिति को संभालने में पुलिस के नाकाम रहने के बाद गृह मंत्रालय ने सेना को बुलाया जिसके बाद स्थिति काबू में आ सके। प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया।
डिप्लोमैटिक एनक्लेव के निकट स्थित सेरेना होटल के पास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए। प्रशासन ने इन्हें रोकने के लिए कई प्रमुख सड़कों को बंद कर रखा था, लेकिन कई प्रदर्शनकारी बैरियर लांघकर घुस गए। इस दौरान करीब 25 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। राजनयिक इलाके के आसपास निगरानी के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया।
पाकिस्तानी सरकार ने इस फिल्म की निंदा करते हुए कल ‘पैगम्बर प्रेम दिवस’ मनाने और राष्ट्रीय अवकाश का एलान किया है। पाकिस्तान के कराची और कई अन्य शहरों में अब तक प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है
इस्लामी जमीयत-ए-तलबा सहित कई छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद के रेड जोन इलाके में एकत्र होना शुरू कर दिया था। इसी इलाके में अमेरिकी दूतावास, भारतीय उच्चायोग और कई अन्य देशों के दूतावास-उच्चायोग हैं।
दिन में करीब दो बजे तक इलाके में भारी भीड़ एकत्र हो गई थी। ये लोग इस्लाम विरोधी फिल्म ‘इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स’ को लेकर अपना विरोध जता रहे थे। इनके अलावा अहले सुन्नत वल जमात और जमात-उद-दावा जैसे कट्टरपंथी संगठनों के हजारों कार्यकर्ता रावलपिंडी में एक रैली से इस्लामाबाद पहुंचे।
डिप्लोमैटिक एनक्लेव के गेट से महज आधे किलोमीटर से भी कम दूरी पर भारतीय उच्चायोग स्थित है। सूत्रों का कहना है कि राजनयिक इलाके में सभी भारतीय सुरक्षित हैं और वे उच्चायोग के भीतर हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में कम से कम 36 पुलिसकर्मी और करीब 50 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
इस्लामाबाद में करीब तीन घंटे तक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होती रही। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां चलाईं। पुलिस ने लाठियां भी भांजी। स्थिति को संभालने में पुलिस के नाकाम रहने के बाद गृह मंत्रालय ने सेना को बुलाया जिसके बाद स्थिति काबू में आ सके। प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया।
डिप्लोमैटिक एनक्लेव के निकट स्थित सेरेना होटल के पास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए। प्रशासन ने इन्हें रोकने के लिए कई प्रमुख सड़कों को बंद कर रखा था, लेकिन कई प्रदर्शनकारी बैरियर लांघकर घुस गए। इस दौरान करीब 25 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। राजनयिक इलाके के आसपास निगरानी के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया।
पाकिस्तानी सरकार ने इस फिल्म की निंदा करते हुए कल ‘पैगम्बर प्रेम दिवस’ मनाने और राष्ट्रीय अवकाश का एलान किया है। पाकिस्तान के कराची और कई अन्य शहरों में अब तक प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है
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