Iran Threatened Israel US: ईरान के सर्वोच्च नेता ने शनिवार को ईरान (Iran) और उसके सहयोगियों पर हमलों पर इजरायल (Israel) और अमेरिका (USA) को "करारा जवाब" देने की धमकी दी.अयातुल्ला अली खामनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने कहा कि ईरानी अधिकारी इस्लामिक गणराज्य पर 26 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल के खिलाफ एक और हमला शुरू करने की धमकी दे रहे हैं, जिसमें सैन्य ठिकानों और अन्य स्थानों को निशाना बनाया गया और कम से कम पांच लोग मारे गए. दोनों ओर से कोई और हमला व्यापक मध्य पूर्व को घेर सकता है. इस मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में बदल सकता है.
क्या कहा खामनेई ने
ईरान की सरकारी मीडिया द्वारा जारी वीडियो में खामनेई ने कहा, "दुश्मन चाहे वह ज़ायोनी शासन हो या अमेरिका का, वे ईरान और ईरानी राष्ट्र और प्रतिरोध मोर्चे पर जो कर रहे हैं, उसका निश्चित रूप से करारा जवाब मिलेगा." सर्वोच्च नेता ने हमले की धमकी के समय के बारे में विस्तार से नहीं बताया. अमेरिकी सेना पूरे मध्य पूर्व में कई ठिकानों पर मौजूद है. कुछ सैनिक अब इजरायल में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस, या टीएचएएडी, बैटरी का संचालन कर रहे हैं.
85 वर्षीय खामनेई ने पहले की टिप्पणियों में अधिक सतर्क दृष्टिकोण अपनाया था, यह कहते हुए कि ईरान के अधिकारी इजरायल की प्रतिक्रिया को देखेंगे और उसके हमले को अतिरंजित नहीं किया जाना चाहिए और न ही कम करके आंका जाना चाहिए. ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर महीने में इजरायल पर दो बड़े प्रत्यक्ष हमले किए हैं, लेकिन इजरायल के हमले को कम कर बताना ईरान के लिए शर्मिंदा करने वाला साबित हुआ, क्योंकि एसोसिएटेड प्रेस ने उपग्रह से ली तस्वीरों के जरिए दिखा दिया कि इजरायल के हमलों में तेहरान के पास सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा है. यहीं ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम का काम होता था. साथ ही एसोसिएटेड प्रेस ने दिखाया कि रिवोल्यूशनरी गार्ड बेस पर भी इजरायल ने हमला किया है.
हमास-हिजबुल्लाह ये चाहते
ईरान के सहयोगी भी विशेष रूप से गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह को इजरायल ने गंभीर चोट दी है. ईरान ने लंबे समय से इन समूहों का उपयोग इजरायल पर हमला करने में और सीधे हमले के खिलाफ ढाल के रूप में किया है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये समूह चाहते हैं कि ईरान उन्हें सैन्य रूप से समर्थन देने के लिए और अधिक हमले करे.
इजरायल को निशाना बनाने के लिए आवश्यक बैलिस्टिक मिसाइलों को नियंत्रित करने वाले ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रवक्ता जनरल मोहम्मद अली नैनी ने खामनेई के हमले से ठीक पहले अर्द्धसरकारी फार्स समाचार एजेंसी द्वारा प्रकाशित एक साक्षात्कार दिया. उन्होंने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि इजरायली वायु सेना के पायलटों ने 26 अक्टूबर के हमले में हवा से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था."
छात्रों से मिले
खामनेई ने शनिवार को छात्र दिवस को चिह्नित करने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ मुलाकात की, जो 4 नवंबर, 1978 की घटना की याद दिलाता है, जिसमें ईरानी सैनिकों ने तेहरान विश्वविद्यालय में शाह के शासन का विरोध कर रहे छात्रों पर गोलियां चलाई थीं. इस गोलीबारी में कई छात्रों को की जान चली गई थी. अंततः शाह देश से भाग गए और इसे 1979 की इस्लामी क्रांति का नाम दिया गया.
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