इस्तानबुल:
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नए दौर की बातचीत के लिए सहमति बन गई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों तथा जर्मनी और ईरान के बीच यह बातचीत 13 अप्रैल को तुर्की के इस्तानबुल शहर में होगी।
क्लिंटन ने यह घोषणा शनिवार को सऊदी अरब में एक सुरक्षा सम्मेलन के बाद संवाददाता सम्मेलन में की।
यह घोषणा ईरान के संदिग्ध परमाणु कार्यक्रम पर एक वर्ष से अधिक समय तक बातचीत अवरुद्ध रहने के बाद सामने आई है। बातचीत में ईरान के अलावा शामिल देशों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य और जर्मनी हैं, जिन्हें 'पी फाइव प्लस वन' कहा जाता है।
ईरान और 'पी फाइव प्लस वन' के बीच पिछले दौर की बातचीत जनवरी 2011 में इस्तानबुल में हुई थी, और वह विफल रही थी। उसके पहले 2010 के अंत में स्विटजरलैंड के जेनेवा में वार्ता हुई थी।
कुछ यूरोपीय देश ताजा दौर की बातचीत इस्तानबुल के बदले जेनेवा में चाहते थे। लेकिन ईरान और तुर्की ने इस्तानबुल में ही परमाणु वार्ता पर जोर दिया।
उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बातचीत से ईरान की परमाणु गतिविधियों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय तनाव कम होगा, जिसके कारण तेल कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।
संयुक्त राष्ट्र, यूरेनियम सम्वद्धन रोकने से इंकार करने के बाद ईरान पर चार दौर के प्रतिबंध लगा चुका है।
इस बीच यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य कई देशों ने ईरान पर बातचीत शुरू करने के लिए दबाव बनाने के क्रम में ईरानी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
क्लिंटन ने यह घोषणा शनिवार को सऊदी अरब में एक सुरक्षा सम्मेलन के बाद संवाददाता सम्मेलन में की।
यह घोषणा ईरान के संदिग्ध परमाणु कार्यक्रम पर एक वर्ष से अधिक समय तक बातचीत अवरुद्ध रहने के बाद सामने आई है। बातचीत में ईरान के अलावा शामिल देशों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य और जर्मनी हैं, जिन्हें 'पी फाइव प्लस वन' कहा जाता है।
ईरान और 'पी फाइव प्लस वन' के बीच पिछले दौर की बातचीत जनवरी 2011 में इस्तानबुल में हुई थी, और वह विफल रही थी। उसके पहले 2010 के अंत में स्विटजरलैंड के जेनेवा में वार्ता हुई थी।
कुछ यूरोपीय देश ताजा दौर की बातचीत इस्तानबुल के बदले जेनेवा में चाहते थे। लेकिन ईरान और तुर्की ने इस्तानबुल में ही परमाणु वार्ता पर जोर दिया।
उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बातचीत से ईरान की परमाणु गतिविधियों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय तनाव कम होगा, जिसके कारण तेल कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।
संयुक्त राष्ट्र, यूरेनियम सम्वद्धन रोकने से इंकार करने के बाद ईरान पर चार दौर के प्रतिबंध लगा चुका है।
इस बीच यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य कई देशों ने ईरान पर बातचीत शुरू करने के लिए दबाव बनाने के क्रम में ईरानी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
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